Edited By Punjab Kesari,Updated: 05 Oct, 2017 11:16 AM
अगस्ता वेस्टलैंड VVIP हैलिकॉप्टर सौदे में 3600 करोड़ रुपए के मनी लांड्रिंग मामले में वांछित यूरोपीय बिचौलिए कार्लोस गेरोसा को इटली में गिरफ्तार कर लिया गया है...
रोमः अगस्ता वेस्टलैंड VVIP हैलिकॉप्टर सौदे में 3600 करोड़ रुपए के मनी लांड्रिंग मामले में वांछित यूरोपीय बिचौलिए कार्लोस गेरोसा को इटली में गिरफ्तार कर लिया गया है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) की अपील पर इंटरपोल के जारी नोटिस पर यह महत्वपूर्ण गिरफ्तारी हुई है। केंद्रीय जांच एजेंसी के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार जल्द ही कूटनीतिक जरिए से गेरोसा के भारत प्रत्यर्पण के प्रयास शुरू किए जाएंगे।
जांच से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को बताया कि कुछ दिन पहले ही 70 वर्षीय कार्लोस गेरोसा को इटली में गिरफ्तार किया गया। इंटरपोल ने भारतीय जांच एजेंसी को इसकी जानकारी दी है और गेरोसा के प्रत्यर्पण का एक अनुरोध पत्र भी इटली को भेजा जा चुका है। अधिकारियों ने बताया कि गेरोसा को स्विट्जरलैंड से इटली आते हुए गिरफ्तार किया गया। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) की एक संयुक्त टीम इस मामले की जांच कर रही है। अगस्ता वेस्टलैंड मामले में 3 वांछित बिचौलियों में से कार्लोस गेरोसा एक है।
इस मामले की जांच कर रही CBI और ED के लिए गेरोसा से पूछताछ करना और उसका बयान लेना बेहद जरूरी है। इसलिए ED ने पिछले साल इंटरपोल को इस बारे में आगाह करके गेरोसा और दो अन्य बिचौलियों ब्रिटिश नागरिक क्रिश्चियन माइकल जेम्स और इटली के गुइडो हश्के के खिलाफ रेड कार्नर नोटिस जारी कराया था। इंटरपोल के रेड कार्नर नोटिस को जारी करने का मकसद वांछित लोगों के स्थान का पता लगाना और आपराधिक मामले में उनकी गिरफ्तारी सुनिश्चित करना होता है, ताकि उस आपराधिक मामले की जांच के लिये वांछित लोगों का प्रत्यर्पण किया जा सके।
क्या है मामला
पिछले साल प्रवर्तन निदेशालय ने अपने दूसरे आरोप पत्र में कहा था कि तीन बिचौलियों ने भारतीय वायुसेना के लोगों को प्रभावित करने का रास्ता बना लिया। इस तरह सैन्य हेलिकॉप्टर उ़़डाने की ऊपरी सीमा में बदलाव किए गए। वर्ष 2005 में उड़ान भरने की ऊपरी सीमा 6000 मीटर से घटाकर 4500 मीटर कर दी गई। इसी के बाद वीवीआईपी हेलिकॉप्टरों की खरीद में अगस्ता वेस्टलैंड का नाम शामिल किया गया। यानी इटली के हेलिकॉप्टरों का सौदा कराने के लिए पहले सेना के मानकों को घटाया गया और फिर उसे खरीदा गया। इस सबके लिए बतौर रिश्वत मोटी रकम भी दी गई।
जांच में पाया गया कि एक अन्य बिचौलिये माइकल ने गलत तरीके से दुबई की एक कंपनी एमएस ग्लोबल सर्विसेज और एफजेडई से दिल्ली में चलाई जा रही एक मीडिया कंपनी के मार्फत रिश्वत दी। अगस्ता वेस्टलैंड के हेलिकॉप्टर खरीदने पर रजामंदी के लिए अंतत: यह रिश्वत 2 भारतीयों तक पहुंचाई गई। ईडी ने पीएमएलए (प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट) के तहत पाया कि अगस्ता वेस्टलैंड के सीईओ ब्रूनो स्पैगनोलिनी ने माइकल और 2 अन्य बिचौलियों (गेरोसा और हश्के) को रिश्वत के लिए रकम दी, जिसे उसने कंसलटेंसी कांट्रैक्ट का नाम दिया। अकेले माइकल को ही दुबई की कंपनी के खातों में बतौर रिश्वत 3 करोड़ यूरो दिए गए। जांच एजेंसी को यह भी पता चला है कि माइकल की ओर से दिल्ली में चलाई जा रही मीडिया कंपनी भी एक मुखौटा कंपनी है जिसके जरिए मनी लांड्रिंग की गई।