Edited By Anil dev,Updated: 15 May, 2019 06:04 PM
अगस्ता वेस्टलैंड का भारत में कई सरकारों से जुड़ाव रहा है, चाहे वह पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार हो या फिर 2003 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार या फिर 1987 की राजीव गांधी की सरकार हो, लेकिन यह उनके लिए दुर्भाग्यशाली ही रहा है।...
नई दिल्ली: अगस्ता वेस्टलैंड का भारत में कई सरकारों से जुड़ाव रहा है, चाहे वह पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार हो या फिर 2003 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार या फिर 1987 की राजीव गांधी की सरकार हो, लेकिन यह उनके लिए दुर्भाग्यशाली ही रहा है। अगस्ता वेस्टलैंड को लेकर एक नयी किताब में यह दावा किया गया है।
राजू संतनाम ने अगस्ता वेस्टलैंड को बताया भारत की बदनसीबी
किताब का नाम द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ क्रिश्चियन मिशेल एंड अगस्तावेस्टलैंड है। इसमें हेलीकॉप्टर की खरीद में निहित स्वार्थ रखनेवाले कॉर्पोरेट घराने के तीन प्रमुख लोगों- गुइदो हस्की, गुइसेपे ओरसी और क्रिश्चियन मिशेल की कहानी है। इसके अलावा किताब में भारत की शक्तिशाली राजनीति में दरबारियों की भूमिका के बारे में भी प्रकाश डाला गया है। मिशेल अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाला मामले में कथित बिचौलिया है और उसे गिरफ्तार किया जा चुका है। इस किताब के लेखक राजू संतनाम ने अगस्ता वेस्टलैंड को भारत की बदनसीबी बताया है।
क्या है मामला
संतनाम का कहना है कि भारत में कोई भी सरकार हो, अगस्ता वेस्टलैंड के लिए बदकिस्मत ही साबित हुआ। इस किताब में लेखक ने इस पर भी प्रकाश डाला है कि 1986 के वेस्टलैंड सौदे और 2010 के सौदे में दिलचस्प अंतर है। सीबीआई का आरोप है कि फरवरी 2010 में वीवीआईपी हेलीकॉप्टर में जो 556.262 मिलियन यूरो का सौदा किया गया उसकी वजह से भारत को 398.21 मिलियन यूरो यानी 2,666 करोड़ रूपए का नुकसान पहुंचा है।