Edited By Anil dev,Updated: 10 Apr, 2019 06:17 PM
अहमदाबाद में 2002 में गुलबर्ग सोसायटी में हुए नरसंहार के दौरान सुरक्षित बच गये दो भाई आगामी लोकसभा चुनाव में गुजरात से किस्मत आजमा रहे हैं। इम्तियाज खान पठान (42) खेड़ा से अपना देश पार्टी के उम्मीदवार हैं,
अहमदाबाद: अहमदाबाद में 2002 में गुलबर्ग सोसायटी में हुए नरसंहार के दौरान सुरक्षित बच गये दो भाई आगामी लोकसभा चुनाव में गुजरात से किस्मत आजमा रहे हैं। इम्तियाज खान पठान (42) खेड़ा से अपना देश पार्टी के उम्मीदवार हैं, वहीं उनके बड़े भाई फिरोज खान पठान (45) ने गांधीनगर से निर्दलीय नामांकन पत्र दाखिल किया है। पठान बंधुओं ने 2002 के दंगे में अपने परिवार के 10 सदस्यों को खो दिया था। उनकी मां और दादी भी इसमें मारी गईं। इम्तियाज अब शहर के गोमतीपुर इलाके में रहते हैं, वहीं उनके बड़े भाई वेजलपुर में रहते हैं।
भाजपा अध्यक्ष शाह गांधीनगर से पार्टी के हैं उम्मीदवार
इम्तियाज गुलबर्ग मामले में अभियोजन पक्ष के प्रमुख गवाह हैं, वहीं उनके भाई ने सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड और उनके पति जावेद आनंद के खिलाफ दंगा पीड़ितों के लिए एकत्रित धन का कथित दुरुपयोग करने के मामले में शिकायत दर्ज कराई थी। फिरोज खान ने कहा, ‘‘गांधीनगर से चुनाव लडऩे का फैसला करके मैं अमित शाह को संदेश देना चाहता हूं कि मैं उनके खिलाफ मुकाबला करने आ रहा हूं।’’ भाजपा अध्यक्ष शाह गांधीनगर से पार्टी के उम्मीदवार हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं मुस्लिम हूं, लेकिन मेरे कई हिंदू दोस्तों ने मुझे समर्थन दिया है। मुझे विश्वास है कि हिंदू मुझे वोट देंगे। अंतत: मेरा उद्देश्य सामाजिक सौहार्द स्थापित करना है। मैं आने वाले दिनों में घर-घर जाकर प्रचार करुंगा।’’
गुजरात से लंबे समय से कोई मुस्लिम सांसद नहीं पहुंचा संसद
सीतलवाड के खिलाफ शिकायत करने की वजह से उन्हें भाजपा का समर्थक समझा जाने लगा है। हालांकि, फिरोज खान का दावा है कि उन्होंने भाजपा विरोधी वोटों को बांटकर उसे फायदा पहुंचाने के लिए राजनीति में कदम नहीं रखा है। उन्होंने कहा, ‘‘अगर ऐसा होता तो मैं अब तक करोड़पति हो चुका होता। लेकिन मैं अब भी छोटे से फ्लैट में रहता हूं और मेरे पास केवल एक स्कूटर है। मैं चुनाव लड़ रहा हूं ताकि संसद में अल्पसंख्यकों का प्रतिनिधित्व कर सकूं। गुजरात से लंबे समय से कोई मुस्लिम सांसद संसद नहीं पहुंचा है।’’