Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 Mar, 2018 03:26 PM
आंध्र प्रदेश की सत्तारूढ़ तेलुगू देसम पार्टी (तेदेपा) ने शुक्रवार को भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से अलग होने के बाद केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश करने का फैसला किया है...
नेशनल डेस्क: आंध्र प्रदेश की सत्तारूढ़ तेलुगू देसम पार्टी (तेदेपा) ने शुक्रवार को भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से अलग होने के बाद केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश करने का फैसला किया है। इस पर अन्नाद्रमुक ने कहा कि तेदेपा द्वारा नरेन्द्र मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की पहल पर पार्टी का शीर्ष नेतृत्व निर्णय करेगा। अन्नाद्रमुक के वरिष्ठ नेता डी. जयकुमार ने संकेत दिए कि पार्टी समन्वयक ओ. पन्नीरसेल्वम और सह संयोजक के. पलानीस्वामी मामले पर निर्णय करेंगे।
राज्य के मत्स्य विभाग के मंत्री जयकुमार ने संवाददाताओं से कहा कि पार्टी नेतृत्व निर्णय करेगा कि समर्थन किया जाए अथवा नहीं। आंध्रप्रदेश को केंद्र द्वारा विशेष राज्य का दर्जा देने से इंकार करने के बाद तेदेपा के दो मंत्रियों ने दो दिन पहले मोदी सरकार से इस्तीफा दे दिया था जिसके बाद पार्टी ने आज राजग छोडऩे का निर्णय किया। अन्नाद्रमुक के वरिष्ठ नेता और पार्टी प्रवक्ता वैगाइचेलवन ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव जब संसद में लाया जाएगा तो मुख्यमंत्री पलानीस्वामी और उपमुख्यमंत्री पन्नीरसेल्वम इस पर अन्नाद्रमुक के रूख के बारे में निर्णय करेंगे।
जयकुमार ने कहा कि 37 सदस्यों के साथ लोकसभा में‘‘ तीसरी सबसे बड़ी पार्टी’’ होने के नाते इस मामले में पार्टी के रूख को लेकर देश भर में उत्सुकता है। अविश्वास प्रस्ताव लाए जाने की स्थिति में भी संख्या बल के मामले में भाजपा को कोई समस्या नहीं आएगी क्योंकि 536 सदस्यीय लोकसभा में इसके 274 सांसद हैं। विपक्षी माकपा ने इस मामले में तेदेपा को समर्थन देने का निर्णय किया है।