Edited By Yaspal,Updated: 16 Jan, 2021 05:29 PM
देशभर में कोरोना का टीकाकरण का शुभारंभ हो गया है। पीएम मोदी ने इसकी शुरूआत की। देशभर में पहले स्वास्थ्य कर्मियों और फ्रंट लाइन वर्करों को कोरोना का टीका लगाया जा रहा है लेकिन वैक्सीन को लेकर कुछ लोगों के मन में शंकाएं हैं और सरकार की ओर से लोगों की...
नेशनल डेस्कः देशभर में कोरोना का टीकाकरण का शुभारंभ हो गया है। पीएम मोदी ने इसकी शुरूआत की। देशभर में पहले स्वास्थ्य कर्मियों और फ्रंट लाइन वर्करों को कोरोना का टीका लगाया जा रहा है लेकिन वैक्सीन को लेकर कुछ लोगों के मन में शंकाएं हैं और सरकार की ओर से लोगों की शंकाएं दूर करने की कोशिश की जा रही है। इस बीच कई बड़ी हस्तियों ने कोरोना वैक्सीन लगवाई। एम्स के निदेशक डॉ. गुलेरिया ने भी कोरोना वैक्सीन लगवाई।
इससे पहले अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान की शुरुआत पर अस्पताल के एक सफाई कर्मी मनीष कुमार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन की उपस्थिति में कोविड-19 का पहला टीका लगाया गया। इसके साथ ही मनीष देश की राजधानी में टीका लगवाने वाले पहले शख्स बन गए। एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया को भी टीका लगाया गया। इस दौरान वहां उपस्थित लोगों ने तालियां बजाकर उनकी सराहना की।
हर्षवर्धन ने कहा कि दोनों टीके- भारत बायोटेक के स्वदेशी कोवैक्सीन और ऑक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका के कोविशील्ड, इस महामारी के खिलाफ लड़ाई में एक 'संजीवनी' हैं। टीका अभियान की शुरुआत के बाद हर्षवर्धन ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, "ये टीके महामारी के खिलाफ लड़ाई में हमारी 'संजीवनी' हैं। हमने पोलियो के खिलाफ लड़ाई जीती है और अब हम कोविड के खिलाफ युद्ध जीतने के निर्णायक चरण में पहुंच गए हैं। मैं इस अवसर पर सभी फ्रंटलाइन कर्मियों को बधाई देता हूं।"
सरकार के अनुसार, लगभग एक करोड़ स्वास्थ्य कर्मचारियों और दो करोड़ फ्रंटलाइन कर्मियों को पहले टीके लगाए जाएंगे, उसके बाद 50 साल से अधिक उम्र के व्यक्तियों को और फिर 50 साल से कम उम्र के मरीजों को टीके लगाए जाएंगे। स्वास्थ्य और फ्रंटलाइन कर्मियों के टीकाकरण की लागत केंद्र सरकार वहन करेगी।