Edited By Anil dev,Updated: 16 Apr, 2018 06:26 PM
आल इंडिया मजलिसे इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असादुद्दीन ओवैसी ने 2007 के मक्का मस्जिद विस्फोट मामले में सभी आरोपियों के बरी हो जाने को देखते हुए आरोप लगाया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनआईए) ने सही तरीके से अदालत के समक्ष मामले...
नई दिल्ली: आल इंडिया मजलिसे इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असादुद्दीन ओवैसी ने 2007 के मक्का मस्जिद विस्फोट मामले में सभी आरोपियों के बरी हो जाने को देखते हुए आरोप लगाया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनआईए) ने सही तरीके से अदालत के समक्ष मामले को नहीं रखा। ग्यारह वर्ष पुराने इस मामले में एनआईए की अदालत ने हैदराबाद के मक्का मस्जिद विस्फोट मामले में सबूतों के अभाव का हवाला देते हुए आज असीमानंद समेत सभी आरोपियों को बरी कर दिया। वर्ष 2007 में हुए इस विस्फोट में नौ लोगों की मृत्यु हो गई थी और 58 घायल हुए थे।
एनआईए ने नहीं की मुकदमें में सही पैरवी
ओवैसी ने ट्वीटर पर लिखा एनआईए ने मुकदमें में सही पैरवी नहीं की। एनआईए से जैसी उमीद थी उसके अनुरूप उसने मामले की पैरवी नहीं की। इस मामले में न्याय नहीं हुआ जून 2014 के बाद इस मामले में अधिकतर गवाह अपने बयानों से मुकर गए। एनआईए मुकदमें की पैरवी उम्मीद के अनुरूप नहीं की या फिर ‘राजनीतिक मास्टर’ द्वारा एजेंसी को ऐसा करने नहीं दिया गया। आपराधिक मामलें में जब तक ऐसा पक्षपात होता रहेगा तब तक न्याय नहीं मिलेगा। ‘‘ उन्होंने लिखा, एनआईए और मोदी सरकार ने आरोपियों की जमानत मंजूर हो जाने के खिलाफ अपील नहीं की। उन्होंने एनआईए को बहरा और अंधा तोता करार देते हुए कहा कि इस मामले में न्याय नहीं हुआ है। जांच पूरी तरह से पक्षपाती थी। फैसले से आतंक के खिलाफ हमारी लड़ाई कमजोर हुई है।