AIMPLB की बैठक में हलाला को समर्थन, 10 शरिया कोर्ट को मिली मंजूरी

Edited By Yaspal,Updated: 15 Jul, 2018 07:08 PM

aimplb meeting approved approves 10 sharia courts

शरिया कोर्ट को लेकर पूरे देश में चर्चा के बीच रविवार को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इस मामले पर दिल्ली में बैठक की। बैठक में 10 दारुल कजा यानि शरिया कोर्ट के प्रस्ताव आए थे, जिन्हें बोर्ड ने मंजूरी दे दी है। जल्द  ही इनका गठन किया जाएगा।

नेशनल डेस्कः शरिया कोर्ट को लेकर पूरे देश में चर्चा के बीच रविवार को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इस मामले पर दिल्ली में बैठक की। बैठक में 10 दारुल कजा यानि शरिया कोर्ट के प्रस्ताव आए थे, जिन्हें बोर्ड ने मंजूरी दे दी है। जल्द  ही इनका गठन किया जाएगा।

PunjabKesari

मीटिंग के बाद बोर्ड की तरफ से कहा गया कि शरिया कोर्ट देश की न्यायिक व्यवस्था के तहत आने वाले कोर्ट की तरह नहीं है यानी यह कोई समानांतर अदालत नहीं है। बोर्ड ने बीजेपी और आरएसएस पर शरिया कोर्ट के नाम पर राजनीति करने का आरोप लगाय है। मीटिंग के बाद AIMPLB के सचिव और वरिष्ठ वकील जफरयाब जिलानी ने बताया कि हमे 10 जगह शरिया कोर्ट बनाने के प्रस्ताव मिले हैं और जल्द ही तीन जगह शरिया कोर्ट गठित किए जाएंगे।

मुसलमानो को किया जाएगा जागरुक
इसके अलावा उन्होंने कहा कि दिल्ली में शरिया क्लासेज भी लगाई जाएंगी, जिसके जरिए मुसलमानों को इस्लामिक कानून के बारे में जागरूक किया जाएगा। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि शरिया कोर्ट समानांतर कोर्ट नहीं है। इस मसले पर मीडिया बेवजह बवाल किया जा रहा है।

PunjabKesari

जफरयाब जिलानी ने हर जिले में दारुल कजा का गठन करने की बात को नकारते हुए कहा कि हमने कभी भी देश के हर जिले में इसके गठन की बात नहीं की। उन्होंने कहा कि जहां शरिया कोर्ट की जरूरत है, वहां इसके गठन पर विचार किया जा रहा है और जहां के लोगों ऐसी मांग की है।

लॉ बोर्ड ने किया निकाह-हलाला का समर्थन
जफरयाब ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि चर्चा का विषय बने निकाह-हलाला के मामले पर भी अपनी राय रखी। उन्होंने बताया कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड निकाह-हलाला का समर्थन करता है और अभी कुछ नहीं बदला जा सकता है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि मुस्लिम महिलाओं को इसे मानना ही होगा। हालांकि, बोर्ड की तरफ से ये भी कहा गया है कि निकाह हलाला की जो प्रैक्टिस देखने को मिलती  है, वो शरिया के मुताबिक नहीं है।

PunjabKesari

गौरतलब है कि मुस्लिम पर्सनल बोर्ड का विचार है कि पूरे देश में हर जिले में शरिया कोर्ट बनाई जाएगी। बोर्ड का तर्क है कि मुसलमान से जुड़े कुछ मामले शरिया कोर्ट के जरिए सुलझा लिए जाते हैं। ऐसी स्थिति में कोर्ट जाने की जरूरत नहीं पड़ती है। इसमें यह भी साफ किया गया है कि अगर शरिया कोर्ट में किसी मसले का हल नहीं निकलता तो कोई भी व्यक्ति देश की किसी भी अदालत में जाने के लिए स्वतंत्र है। 

Related Story

India

397/4

50.0

New Zealand

327/10

48.5

India win by 70 runs

RR 7.94
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!