Edited By Seema Sharma,Updated: 14 Nov, 2019 09:20 AM
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और एनसीआर के नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद पर एक बार फिर से स्मॉग अपना कहर बरपा रहा है और वायु गुणवत्ता के ‘‘एमरजेंसी ''''स्तर पर पहुंच गई। गुरुवार को दिल्ली-एनसीआर में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 500 के पार पहुंच गया, जो...
नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और एनसीआर के नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद पर एक बार फिर से स्मॉग अपना कहर बरपा रहा है और वायु गुणवत्ता के ‘‘इमरजेंसी ''स्तर पर पहुंच गई। गुरुवार को दिल्ली-एनसीआर में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 500 के पार पहुंच गया, जो कि खतरनाक श्रेणी में आता है। आनंद विहार में एयर क्वालिटी इंडेक्स 564 दर्ज किया गया।
दिल्ली से सटे गाजियाबाद की बात की जाए तो यहां पर एयर क्वालिटी इंडेक्स 560 रिकॉर्ड किया गया, जबकि दिल्ली नेहरू स्टेडियम में एक्यूआई 483 के स्तर को पार कर गया। दिल्ली- एनसीआर और गाजियाबाद में एयर इमर्जेंसी के चलते सभी इलाकों में प्रशासन ने स्कूलों को 15 नवंबर तक बंद करने के आदेश जारी कर दिए हैं। दो सप्ताह में यह दूसरी बार है, जब स्कूलों को भीषण प्रदूषण के कारण बंद करना पड़ा है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने आशंका जताई है कि अगले दो दिन तक हवा की गुणवत्ता में कोई सुधार नहीं होगा।
आगे बढ़ सकती है ऑड-ईवन योजना
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को कहा कि प्रदूषण नियंत्रण के लिए लागू की गई वाहनों की ऑड-ईवन योजना की अवधि जरूरत पड़ने पर 15 नवंबर के बाद भी बढ़ाई जा सकती है।
पराली जलाने से गंभीर हुई स्थिति
दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया ने ट्वीट किया, ‘‘ उत्तर प्रदेश में पराली जलाने के कारण एक बार फिर से प्रदूषण बढ़ा है और हवा की गुणवत्ता खराब हुई है।
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, तापमान में कमी और हवाओं की धीमी गति के कारण प्रदूषक तत्व वातावरण में एकत्र हो गए। बादल छाए रहने के कारण यह समस्या और बढ़ गई। केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बुधवार को कहा कि पिछले एक पखवाड़े के कुछ दिनों में दिल्ली में 40 प्रतिशत तक प्रदूषण पराली जलाने से हुआ लेकिन ‘‘एक दूसरे को दोष देने और कोसने से कोई फायदा नहीं होगा। उन्होंने यह भी भरोसा जताया कि नई प्रौद्योगिकी से पराली जलाए जाने के खतरे को नियंत्रित किया जा सकेगा और प्रदूषण को कम करने में भी मदद मिलेगी।