Edited By Seema Sharma,Updated: 03 Oct, 2018 08:11 PM
वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ ने आज राफेल डील पर अपनी बात रखते हुए कहा कि दसॉल्ट को ही ऑफसेट साझेदार का चयन करना था और इसमें सरकार और वायु सेना की कोई भूमिका नहीं थी, इसलिए इस सौदे पर सवाल उठाना गलत है।
नई दिल्लीः राफेल डील पर छिड़े विवाद के बीच आज वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ ने इसे अच्छा सौदा बताते हुए कहा कि यह उपमहाद्वीप के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि दसॉल्ट एविएशन ने ऑफसेट साझेदार को चुना है और इसमें सरकार और भारतीय वायुसेना की कोई भूमिका नहीं थी। एयर चीफ धनोआ ने कहा कि राफेल एक अच्छा लड़ाकू विमान है और इशके काफी फायदे होंगे।
बता दें कि कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष सरकार पर राफेल सौदे में अनिल अंबानी की रिलायंस डिफेंस लिमिटेड को फायदा पहुंचाने का आरोप लगा रहा है। हालांकि भाजपा शुरू से ही इन विवाद पर कहता आया कि विपक्ष के लगाए आरोप बेबुनियाद हैं और इससे सरकार ने कोई लाभ नहीं कमाया है। राफेल पर दिलचस्प मोड़ पिछले महीने तब आया जब फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के हवाले से कहा गया कि फ्रांस को दसॉल्ट के वास्ते भारतीय साझेदार चुनने के लिए कोई विकल्प नहीं दिया गया था।
भारत सरकार ने फ्रेंच एयरोस्पेस कंपनी के लिए ऑफसेट साझेदार के रूप में रिलायंस के नाम का प्रस्ताव रखा था। उल्लेखनीय है कि मोदी ने 10 अप्रैल 2015 को पेरिस में ओलांद के साथ बातचीत के बाद 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने की घोषणा की थी।