Edited By Yaspal,Updated: 28 Feb, 2020 06:36 PM
भारतीय वायुसेना के उपप्रमुख एयर मार्शल हरजीत सिंह अरोड़ा ने लगातार परमाणु हमले की धमकी देने वाले पाकिस्तान को जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान परमाणु हमले और उसकी क्षमताओं के बारे में बात कर सकता है। हमारे पास भी ऐसी ही क्षमता है। बालाकोट एयर...
नेशनल डेस्क: भारतीय वायुसेना के उपप्रमुख एयर मार्शल हरजीत सिंह अरोड़ा ने लगातार परमाणु हमले की धमकी देने वाले पाकिस्तान को जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान परमाणु हमले और उसकी क्षमताओं के बारे में बात कर सकता है। हमारे पास भी ऐसी ही क्षमता है। बालाकोट एयर स्ट्राइक का जिक्र करते हुए उपप्रमुख एयर मार्शल ने कहा कि जहां तक उनके आतंकी कारखानों का सवाल है, वे अब सीमा पार कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं। हमारे पास उन ठिकानों को उड़ाने के लिए इच्छाशक्ति, क्षमता और राजनीतिक समर्थन है।
इससे पहले, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि बालाकोट हवाई हमलों से भारत की ओर से यह स्पष्ट संदेश गया कि सीमा पार के बुनियादी ढांचों का इस्तेमाल आतंकवादियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह के रूप में नहीं किया जा सकेगा। राजनाथ सिंह ने सेंटर फॉर एयर पॉवर स्टडीज में कहा कि हमें जो काम मिला है यदि उसके लिए हमें तैयार रहना है तो यह आवश्यक है कि हम जमीन, आसमान और समुद्र में हर वक्त विश्वास योग्य प्रतिरोधक क्षमता कायम रखें।
रक्षा मंत्री ने कहा कि बालाकोट हवाई हमलों ने भारत की ओर से यह स्पष्ट संदेश भेजा है कि सीमा पार के बुनियादी ढांचे का इस्तेमाल आतंकवादियों की सुरक्षित पनाहगाह के रूप में नहीं किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि बालाकोट हवाई हमलों ने सीमा पार सिद्धांतों को फिर लिखे जाने को बाध्य किया और देश के संकल्प और क्षमता को दिखाया।
पाकिस्तान के भीतर हमला करने का निर्णय कठोर और साहसिक: वायुसेना प्रमुख
वहीं वायुसेना प्रमुख एयरचीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने कहा कि एक साल पहले सरकार ने नियंत्रण रेखा के पार पाकिस्तान के भीतर आतंकवादी प्रशिक्षण शिविरों पर हमला करने का कठोर और साहसिक निर्णय लिया था। उन्होंने कहा कि इसके बाद भारतीय वायुसेना ने अपने लक्ष्यों को सफलतापूर्वक तबाह किया।
भदौरिया ने बताया कि पाकिस्तान वायु सेना ने एयर स्ट्राइक के 30 घंटे बाद ऑपरेशन स्विफ्ट रिटोर्ट के तहत बड़ी संख्या में युद्धक विमानों के जरिए जबावी कार्रवाई की, हालांकि भारतीय वायुसेना ने उन्हें कोई भी लक्ष्य साधने नहीं दिया। वे भागने की जल्दी में थे। पाकिस्तान ने ऐसा अपने लोगों को दिखाने के लिए किया था।