Edited By Punjab Kesari,Updated: 11 Jan, 2018 04:06 PM
देश की हवाई सीमा की रक्षा के साथ-साथ भारतीय वायु सेना जोखिम भरे अभियानों में भी देश का परचम लहरा रही है और ऐसे ही एक पर्वतारोहण अभियान में उसने सातों महाद्वीपों की सबसे ऊंची चोटियों को फतह कर अपना तथा देश का नाम रोशन किया है।
नई दिल्ली: देश की हवाई सीमा की रक्षा के साथ-साथ भारतीय वायु सेना जोखिम भरे अभियानों में भी देश का परचम लहरा रही है और ऐसे ही एक पर्वतारोहण अभियान में उसने सातों महाद्वीपों की सबसे ऊंची चोटियों को फतह कर अपना तथा देश का नाम रोशन किया है। ग्रुप कैप्टन आर.सी. त्रिपाठी के नेतृत्व में वायु सेना के पर्वतारोही दल ने पिछले महीने अंटार्कटिका की सबसे ऊंची तथा दुनिया की सबसे दुर्गम और दुरूह मानी जाने वाली चोटी माऊट विन्सटन पर फतह हासिल की। इसके साथ ही वायु सेना सभी सातों महाद्वीपों को फतह करने वाली पहली सेना बन गयी है। माऊट विन्सटन की ऊंचाई 16 हजार 50 फुट है।
वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बी.एस. धनोआ ने इस चोटी को पर विजय हासिल कर लौटी वायु सेना की टीम का आज यहां स्वागत किया । उन्होंने कहा कि माऊंट विन्सटन पर भारतीय तिरंगा तथा वायु सेना का ध्वज लहराने वाले वायु यौद्धाओं पर हमें गर्व है। मुझे विश्वास है कि इनका यह प्रयास अन्य यौद्धाओं को भी इस तरह की तथा इससे बड़ी उपलब्धियों के लिए प्रेरित करेगा। इस अभियान ने भारत और वायु सेना के लिए ऐतिहासिक सफलता अर्जित की है। ग्रुप कैप्टन त्रिपाठी ने अपना अनुभव बताते हुए कहा कि अंटार्कटिका हमारे लिए नया था तो हमारे मन में कुछ आशंकाएं थी लेकिन हम पूरी तरह तैयार और विश्वास से परिपूर्ण थे।
वहां मौसम बहुत ठंडा था और 40 से लेकर 100 किलोमीटर की रफ्तार से ठंडी हवा चल रही थी। हमें अपने अभियान को थोड़ा छोटा करना पड़ा। वायु सेना के यह जांबाज अफसर छह अन्य महाद्वीपों की सबसे ऊंची चोटियों पर भी भारत तथा वायु सेना का ध्वज लहरा चुके हैं। उन्होंने कहा कि सातों चोटियों पर अपनी फतह को हम अपने सहयोगी स्कवैड्रन लीडर एस एस चैतन्य तथा सार्जेन्ट को समर्पित करना चाहेंगे जिनकी मौत हो गयी। इस टीम ने 13 दिसबर को अभियान पर रवाना होने से पहले 24 नवंबर से 3 दिसंबर तक लेह और सियाचिन में अभ्यास किया था।