Edited By rajesh kumar,Updated: 15 Apr, 2021 05:55 PM
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पूर्वी लद्दाख में उत्पन्न चुनौती से निपटने के लिए वायु सेना दिखाई गयी मुस्तैदी की सराहना करते हुए कहा है कि इस तरह के खतरों से निपटने के लिए दीर्घकालिक रणनीति तथा योजना का खाका तैयार किया जाना चाहिए।
नेशनल डेस्क: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पूर्वी लद्दाख में उत्पन्न चुनौती से निपटने के लिए वायु सेना दिखाई गयी मुस्तैदी की सराहना करते हुए कहा है कि इस तरह के खतरों से निपटने के लिए दीर्घकालिक रणनीति तथा योजना का खाका तैयार किया जाना चाहिए। श्री सिंह ने गुरूवार को वायु सेना के शीर्ष कमांडरों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि यह अच्छा संयोग है कि सम्मेलन मार्शल ऑफ द एयर फोर्स अर्जन सिंह की जयंती के मौके पर हो रहा है।
उन्होंने कहा यह खुशी की बात है कि वायु सेना ने पिछले वर्ष पूर्वी लद्दाख में अचानक उत्पन्न घटनाओं का तुरंत और करारा जवाब दिया। उन्होंने सलाह दी कि कमांडरों को भविष्य में इस तरह के खतरों से निपटने के लिए दीर्घावधि योजना तथा रणनीति बनानी चाहिए जिसके आधार पर क्षमता निर्माण किया जा सके। रक्षा मंत्री ने कोरोना महामारी से निपटने में सरकार द्वारा चलाये जा रहे अभियान में वायु सेना की भूमिका की भी सराहना की। अंतररष्ट्रीय भू-राजनैतिक बदलावों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि अटलांटिक से प्रशांत की ओर फोकस बढा है।
रक्षा ढांचे में आत्मनिर्भरता को बढावा देने पर जोर
साथ ही युद्ध के बदलते आयामों में अब उन्नत प्रौद्योगिकी पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है इसलिए वायु सेना को भी इन पहलुओं पर अधिक से अधिक ध्यान देना चाहिए। प्रधानमंत्री के ‘आत्म निर्भर' विजन पर बल देते हुए उन्होंने रक्षा ढांचे में आत्मनिर्भरता को बढावा देने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि वायु सेना के तेजस के आडर्र से घरेलु रक्षा उद्योग को बढावा मिलेगा। रक्षा मंत्री ने कमांडरों को उनके लक्ष्य हासिल करने में सरकार के पुरजोर समर्थन का आश्वासन दिया। इस मौके पर प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत और वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया भी मौजूद थे।