सुप्रीम कोर्ट में एयरफोर्स का बयान, 33 साल से नहीं मिला कोई लड़ाकू विमान

Edited By Yaspal,Updated: 15 Nov, 2018 01:16 AM

air force statement in supreme court no fighter found for 33 years

भारतीय वायुसेना के अधिकारियों ने उच्चतम न्यायालय में बुधवार को राफेल जैसे ‘चौथी से अधिक या पांचवीं’ पीढी के लड़ाकू विमानों को बेड़े में शामिल करने...

नई दिल्लीः भारतीय वायुसेना के अधिकारियों ने उच्चतम न्यायालय में बुधवार को राफेल जैसे ‘चौथी से अधिक या पांचवीं’ पीढी के लड़ाकू विमानों को बेड़े में शामिल करने की जरूरत पर जोर दिया। अधिकारियों ने कहा कि इन अत्याधुनिक विमानों में रडार से बच निकलने जैसी तकनीक और बेहतर इलेक्ट्रानिक युद्धक क्षमताएं हैं।

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जब प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि वह राफेल सौदे को लेकर विवाद पर वायुसेना के अधिकारियों से बात करना चाहते हैं तो वायुसेना के शीर्ष अधिकारी एयर वाइस मार्शल जे चेलापति, एयर मार्शल अनिल खोसला और एयर मार्शल वी आर चौधरी बहुत कम समय के बुलावे पर अदालत पहुंचे। उन्होंने पीठ को बताया कि सुखोई 30 विमानों को सबसे अंत में वायुसेना में शामिल किया गया है जो 3.5 पीढी का विमान है। उन्होंने कहा कि उनके पास चौथी या पांचवीं पीढी के विमान नहीं हैं।

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पीठ ने अधिकारियों से बात करने की इच्छा उस समय जताई जब अटार्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने केन्द्र की तरफ से अपनी दलीलें शुरू कीं। वह फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद के मुद्दे की सीबीआई जांच के अनुरोध वाली याचिकाओं का विरोध कर रहे थे। पीठ ने दोपहर भोज से पहले की पाली में कहा, ‘‘हम वायुसेना की जरूरतों पर गौर कर रहे हैं और राफेल विमानों पर वायुसेना अधिकारी से बात करना चाहते हैं। हम इस मुद्दे पर वायुसेना के अधिकारी से सुनना चाहते हैं, रक्षा मंत्रालय के अधिकारी से नहीं।’’

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पीठ के सामने पेश हुए चेलापति ने भारत द्वारा विमानों को बेड़े में शामिल करने के संबंध में सीजेआई द्वारा पूछे गए सभी सवालों का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि देश को पांचवीं पीढी के विमानों की जरूरत है जिनमें रडार से बच निकलने की तकनीक और बेहतर इलेक्ट्रॉनिक युद्धक क्षमताएं हों।

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सीजेआई गोगोई ने चेलापति से वायुसेना में 1985 में ‘मिराज’ विमान के बाद शामिल विमानों के बारे में पूछा। जब अधिकारी ने ‘ना’ में जवाब दिया तो सीजेआई ने कहा, ‘‘इसका मतलब 1985 से 2018 तक कोई विमान शामिल नहीं हुआ।’’ हालांकि जब कोई विमान शामिल नहीं होने संबंधी टिप्पणी की गई तो किसी वकील ने यह बात नहीं कही कि मिराज के बाद सुखोई विमान बेड़े में शामिल हुए हैं।

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