Edited By Anil dev,Updated: 01 Jan, 2020 05:31 PM
भारतीय विमानन क्षेत्र के लिए बीता साल निराशाजनक रहा। हालांकि, सरकार की उड़ान योजना से घरेलू विमानन क्षेत्र को कुछ उम्मीदें मिलीं, लेकिन सरकारी कंपनी एयर इंडिया की खराब वित्तीय हालत तथा 27 साल पुरानी कंपनी जेट एयरवेज के बंद हो जाने से इस क्षेत्र में...
नई दिल्ली: भारतीय विमानन क्षेत्र के लिए बीता साल निराशाजनक रहा। हालांकि, सरकार की उड़ान योजना से घरेलू विमानन क्षेत्र को कुछ उम्मीदें मिलीं, लेकिन सरकारी कंपनी एयर इंडिया की खराब वित्तीय हालत तथा 27 साल पुरानी कंपनी जेट एयरवेज के बंद हो जाने से इस क्षेत्र में अनिश्चितता बढ़ गई। एयरबस 320 नियो विमानों में लगे प्रैट एंड व्हिटनी इंजन में तकनीकी खामियों के कारण विमानन क्षेत्र की सुरक्षा पर संदेह के बादल मंडऱाते रहे। इसके कारण विमानन नियामक डीजीसीए को कड़े निर्देश जारी करने पड़े। दो बड़ी दुर्घटनाओं के बाद बोइंग के 737 मैक्स विमानों पर वैश्विक प्रतिबंध लगने से घरेलू कंपनी स्पाइसजेट समेत कई विमानन कंपनियों पर इसका प्रभाव पड़ा।
नये साल में सरकार को एयर इंडिया के बिकने तथा कुछ और हवाईअड्डों के निजीकरण की उम्मीद है। एयरएशिया इंडिया को नये साल में अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिये मंजूरी मिलने की भी संभावनाएं हैं। इनके साथ ही विस्तार और इंडिगो द्वारा उड़ानें बढ़ाने की भी उम्मीदें हैं। गुजरे साल के दौरान इंडिगो के सह-संस्थापकों राकेश गंगवाल और राहुल भाटिया के बीच मतभेद जुलाई में खुलकर सामने आ गये। इसके कारण इंडिगो में कंपनी संचालन में खामियां समेत अन्य मुद्दे नियामक की नजरों में आये। वर्ष 2018 में घरेलू विमानन क्षेत्र में यात्रियों की संख्या में 18 प्रतिशत से अधिक वृद्धि होने के बाद 2019 के दौरान अप्रैल माह में वृद्धि दर पांच साल के निचले स्तर पर रह गयी। हालांकि, बाद में नवंबर में इसमें सुधार हुआ और वृद्धि दर वापस 10 प्रतिशत से अधिक हो गई।
बीते साल के दौरान जनवरी से अक्टूबर के बीच उड़ान योजना के तहत 134 नये मार्गों पर परिचालन शुरू हुआ। इसके अलावा सरकार ने 335 मार्गों पर सेवाएं शुरू करने की मंजूरी दी। वर्ष 2019-20 के दौरान त्योहारी मौसम में भी विमानन किराया कम रहा, इसके कारण राजस्व के हिसाब से चालू वित्त वर्ष के भी घरेलू विमानन क्षेत्र के लिये मुश्किलों वाला रहने का अनुमान है।