Edited By Yaspal,Updated: 22 May, 2019 11:52 PM
वायु सेना ने आज एक बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए अपने प्रमुख लड़ाकू विमान सुखोई-30 से ब्रह्मोस मिसाइल के हवाई संस्करण का सफल परीक्षण किया। वायु सेना के अनुसार ब्रह्मोस के हवाई संस्करण का यह दूसरा परीक्षण था जो पूरी...
नई दिल्लीः वायु सेना ने आज एक बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए अपने प्रमुख लड़ाकू विमान सुखोई-30 से ब्रह्मोस मिसाइल के हवाई संस्करण का सफल परीक्षण किया। वायु सेना के अनुसार ब्रह्मोस के हवाई संस्करण का यह दूसरा परीक्षण था जो पूरी तरह सफल रहा और मिसाइल ने बंगाल की खाड़ी में एक द्वीप पर स्थित लक्ष्य पर सटीक निशाना साधा।
ब्रह्मोस की इस मिसाइल का वजन ढाई टन होता है और यह हवा से सतह पर 300 किलोमीटर तक मार करने में सक्षम है। इस मिसाइल का डिजायन और विकास ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड ने किया है। वायु सेना ने 22 नवम्बर 2017 में इस मिसाइल से समुद्र में स्थित लक्ष्य को साधकर कीर्तिमान स्थापित किया था। ब्रह्मोस मिसाइल अब सतह से सतह , हवा से सतह और समुद्र से सतह पर स्थित लक्ष्यों को भेदने में सक्षम है।
ब्रह्मोस को लड़ाकू विमान पर फिट करने की बेहद जटिल प्रक्रिया होती है जिसमें मकैनिकल, इलेक्ट्रिकल और सॉफ्टवेयर बदलाव किये जाते हैं। वायु सेना लंबे समय से इस तरह की प्रक्रिया को अंजाम देती रही है। वायु सेना के इंजीनियर विमान के सॉफ्टवेयर में जरूरी बदलाव करते हैं जबकि हिन्दुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड मकैनिकल और इलेक्ट्रिकल बदलाव करती है।
ब्रह्मोस मिसाइल वायु सेना के पास ऐसा हथियार है जिससे वह दिन, रात और सभी तरह के मौसम में लंबी दूरी तक हवा, सतह और समुद्र में लक्ष्यों पर सटीक निशाना लगा सकती है। इससे वायु सेना की सामरिक मारक क्षमता बढेगी।