Edited By Seema Sharma,Updated: 08 Nov, 2020 10:07 AM
पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के कई क्षेत्रों में शनिवार को इस मौसम में पराली जलाए जाने की सबसे अधिक घटनाएं हुईं जिसके कारण राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में रविवार सुबह वायु गुणवत्ता बेहद खराब रही। रविवार सुबह प्रदूषण की घनी चादर से दिल्ली ढकी नजर आई...
नेशनल डेस्क: पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के कई क्षेत्रों में शनिवार को इस मौसम में पराली जलाए जाने की सबसे अधिक घटनाएं हुईं जिसके कारण राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में रविवार सुबह वायु गुणवत्ता बेहद खराब रही। रविवार सुबह प्रदूषण की घनी चादर से दिल्ली ढकी नजर आई जिससे इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट भी बामुश्किल से नजर आ रहा था। वहीं सुबह सैर के लिए निकले लोगों ने जहरीली हवा के चलते सांस लेने में दिक्कत के अलावा आंखों में जलन आदि की सिकायत की। लोगों ने कहा कि सुबह के समय इतनी घनी स्मॉग छाई होती है कि कुछ भी स्पष्ट नहीं आता, वहीं आंखों में जलन- सी महसूस होती है।
वहीं दिल्ली के लिए केंद्र सरकार की वायु गुणवत्ता प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली ने बताया कि दीपावली पर भी शहर की वायु गुणवत्ता ‘गंभीर' श्रेणी में ही बने रहने की आशंका है। उसने बताया कि शुक्रवार को पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में पराली जलाने की 4,528 घटनाएं हुईं। केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के मोबाइल ऐप समीर के मुताबिक शनिवार सुबह दिल्ली का कुल वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 443 तथा शाम को 427 दर्ज किया गया। विशेषज्ञों ने बताया कि हालांकि मौसम संबंधी परिस्थितियां प्रदूषकों के बिखराव के लिए थोड़ी अनुकूल हैं, लेकिन वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में रहने का मुख्य कारण पंजाब में पराली जलाने की अधिक घटनाएं रहीं।
सफर ने बताया कि ऐसा अनुमान है कि 8 और 9 नवंबर को सतही हवाओं की गति में कमी आएगी। पराली जलाने की घटनाओं में उल्लेखनीय कमी नहीं आती है तो हालात बेहतर होने की कोई उम्मीद नहीं है। दिल्ली के लिए वायु गुणवत्ता प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली ने बताया कि 13 नवंबर को AQI ‘बहुत खराब' श्रेणी की ऊपरी सीमा और 14 नवंबर (दीपावली) को ‘गंभीर' श्रेणी में रहने की आशंका है।