राजधानी में हवा की गुणवत्ता 'बेहद खराब', आज से अगले आदेश तक नहीं चलेंगे जनरेटर

Edited By vasudha,Updated: 15 Oct, 2020 09:39 AM

air quality very poor in the capital

राष्ट्रीय राजधानी की हवा में जहर घुलना शुरू हो गया है। तापमान कम होने के चलते प्रदूषक तत्त्वों के हवा में जमा होने के कारण दिल्ली की वायु गुणवत्ता वीरवार सुबह "बहुत खराब" श्रेणी में पहुंच गई। इस मौसम में पहली बार हवा की गुणवत्ता इतनी खराब दर्ज की गई...

नेशनल डेस्क: राष्ट्रीय राजधानी की हवा में जहर घुलना शुरू हो गया है। तापमान कम होने के चलते प्रदूषक तत्त्वों के हवा में जमा होने के कारण दिल्ली की वायु गुणवत्ता वीरवार सुबह "बहुत खराब" श्रेणी में पहुंच गई। इस मौसम में पहली बार हवा की गुणवत्ता इतनी खराब दर्ज की गई है। राजधानी में बढ़ रहे प्रदूषण को देखते हुए आज से ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) लागू कर दिया गया है। इसके तहत डीजल, पेट्रोल व केरोसीन से चलने वाले जेनरेटर के इस्तेमाल पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी गई है।

 

दल्ली सरकार की ओर से जारी की गई अधिसूचना के अनुसार यदि कहीं डीजल जेनरेटर चलता पाया गया तो जुर्माना किया जाएगा। दिल्ली सरकार ने सभी जिलाधिकारियों, डीसीपी, निगम उपायुक्तों, एनडीएमसी सचिव, दिल्ली कैंट बोर्ड के सीईओ को प्रदूषण से संबंधित रिपोर्ट नियमित तौर पर देने के लिए कहा है। इसके साथ ही सड़कों की सफाई विशेष रूप से कराई जाएगी। जिन इलाकों में प्रदूषण ज्यादा है, उन इलाकों में निगरानी टीमें गश्त करेंगी। कूड़ा आदि जलाते हुए जो भी पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। 

ग्रैप के प्रतिबंध, मध्यम से खराब श्रेणी की हवा होने पर 

  • मशीन से होगी सफाई, सड़कों पर पानी का छिड़काव
  • पटाखों पर रोक और प्रदूषण के हिसाब से वाहनों पर रोक

दूसरा चरण, अधिक खराब श्रेणी की हवा होने पर

  • डीजल जेनरेटर पर रोक
  • पार्किंग शुल्क में तीन से चार गुना तक बढ़ोतरी
  • होटलों में कोयला और लकड़ी से भोजन बनाने पर रोक
  • सांस और हृदय रोगियों को घर के अंदर रहने की सलाह


तीसरा चरण, हवा के गंभीर रूप से खराब होने पर

  • सड़कों की लगातार सफाई और धुलाई
  • ईंट भट्ठों, कोयला आधारित प्लांट पर प्रतिबंध

चौथा चरण, आपात श्रेणी की हवा

  • ट्रकों के प्रवेश पर रोक 
  • निर्माण कार्यों पर रोक
  • ऑड-ईवन योजना लागू

एनसीआर में पर्यावरण नियमों का उल्लंघन करने पर कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 50 टीमें बनाई हैं। यह टीमें 28 फरवरी से प्रभावी रहेंगी। नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ, गुरुग्राम, फरीदाबाद, झज्झर, पानीपत, सोनीपत, भिवाणी, अलवर और भरतपुर में यह टीमें दौरा करेंगी। सीपीसीबी के समीर ऐप के माध्यम प्रदूषण फैलाने वालों के खिलाफ शिकायत की जा सकती है।

वहीं वीरवार सुबह राष्ट्रपति भवन के पास साइलिंग करने निकले लोगों ने बताया कि आमतौर पर जब वह सुबह आते हैं तो सूरज निकल जाता है लेकिन अब इतना प्रदूषण है कि सूरज भी नहीं दिख रहा है। लोगों ने मांग की कि सरकार को पराली जलाने पर प्रतिबंध लगाना चाहिए।  दिल्ली के सिग्नेचर ब्रिज पर सुबह भी गाड़ियों की लाइट जलती हुई दिखाई दी। 

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