Edited By Seema Sharma,Updated: 11 Apr, 2019 09:42 AM
पाकिस्तानी सेना ने अंतर्राष्ट्रीय मीडिया कर्मियों के एक समूह और विदेशी राजनयिकों को बालाकोट के उस मदरसे और उसके आसपास के इलाके का दौरा कराया जहां भारत ने 43 दिन पहले जैश-ए-मोहम्मद के सबसे बड़े प्रशिक्षण शिविर पर हमला किया था।
इस्लामाबाद: पाकिस्तानी सेना ने अंतर्राष्ट्रीय मीडिया कर्मियों के एक समूह और विदेशी राजनयिकों को बालाकोट के उस मदरसे और उसके आसपास के इलाके का दौरा कराया जहां भारत ने 43 दिन पहले जैश-ए-मोहम्मद के सबसे बड़े प्रशिक्षण शिविर पर हमला किया था। बी.बी.सी. उर्दू के मुताबिक समूह को एक हैलीकॉप्टर में इस्लामाबाद से बालाकोट के जाबा ले जाया गया। हरे-भरे पेड़ों से घिरे एक पहाड़ के शीर्ष पर स्थित इस मदरसे तक पहुंचने के लिए आगंतुकों को डेढ़ घंटे तक चलना पड़ा।
पाकिस्तान की सेना के मुताबिक समूह ने चढ़ाई करते वक्त पहाड़ की ढलान पर एक गड्ढा भी देखा जहां भारतीय विमानों ने विस्फोटक गिराए थे। जब समूह मदरसे के भीतर पहुंचा तो वहां 12-13 साल के करीब 150 बच्चे मौजूद थे और उन्हें कुरान पढ़ाई जा रही थी। सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने कहा कि भारत के हमले वाला दावा सही नहीं है, यह पुराना मदरसा है और यह हमेशा से ऐसा ही था।