Edited By Punjab Kesari,Updated: 03 Feb, 2018 05:26 PM
भारत के रक्षा क्षेत्र में शनिवार को एक नया अध्याय जुड़ गया। मेक इन इंडिया के तहत बनाया गए वायुसेना के एयरक्राफ्ट तेजस में बैठ कर यूएस एयरफोर्स चीफ डेविड गोल्डफीन ने उड़ान भरी। उनके साथ भारत के वाइस एयर मार्शल जनरल एपी सिंह भी मौजूद रहे। इस...
नेशनल डेस्क: भारत के रक्षा क्षेत्र में शनिवार को एक नया अध्याय जुड़ गया। मेक इन इंडिया के तहत बनाया गए वायुसेना के एयरक्राफ्ट तेजस में बैठ कर यूएस एयरफोर्स चीफ डेविड गोल्डफीन ने उड़ान भरी। उनके साथ भारत के वाइस एयर मार्शल जनरल एपी सिंह भी मौजूद रहे। इस एयरक्रॉफ्ट को उड़ाने वाले गोल्डफीन पहले विदेशी मिलिट्री चीफ हैं।
दोनोंं देश के रिलेशन होंगे मजबूत
एयरफोर्स ने अपने ट्वीट में लिखा है कि “अमेरिकी एयरफोर्स के चीफ ऑफ स्टाफ जनरल डेविड गोल्डफीन भारत के दौरे पर हैं। शनिवार को जोधपुर में उन्होंने भारत में बना लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस उड़ाया।” इसके बाद जनरल गोल्डफीन ने ट्वीट कर कहा कि “ शानदार स्वागत के लिए मैं भारतीय एयरफोर्स का शुक्रगुजार हूं। दोनों देश एयरफोर्स को मजबूत बनाने के लिए काम करेंगे। हमें भारतीय एयरफोर्स और रोड आइलैंड एयर नेशनल गार्ड के मजबूत रिश्तों पर भी गर्व है।" नई दिल्ली में गोल्डफीन को इंडियन एयरफोर्स की तरफ से गार्ड ऑफ आॅनर दिया गया। बाद में उन्होंने एयरफोर्स चीफ बीएस धनोआ से मुलाकात भी की।
यह है तेजस की खासियत
- 250 से 300 किमी रेंज की क्षमता वाला तेजस वायुसेना में शामिल हो चुका है।
- तेजस में इंजन अमेरिकी, रडार-मिसाइलें इजरायल और सीट ब्रिटेन की हैं।
- ये महज 460 मीटर के रनवे पर दौड़कर टेकऑफ करने में कैपेबल है।
- एयरफोर्स में एंट्री के साथ ही तेजस फ्रंटलाइन जेट्स जैसे- सुखोई 30-MKI, जगुआर, मिराज-2000 की रैंक में शामिल हो गया है।
50 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है
- तेजस एयर-टू-एयर और एयर-टू-सरफेस मिसाइल दागने में कैपेबल है।
- साथ ही इससे एंटीशिप मिसाइल, बम और रॉकेट को भी दागा जा सकता है।
- तेजस 42% कार्बन फाइबर, 43% एल्यूमीनियम अलॉय और टाइटेनियम से मिलकर बनाया गया है।
- तेजस फाइटर सिंगल सीटर और इसका ट्रेनर वेरिएंट 2 सीटर है।
- तेजस 50 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है।
- तेजस की डेवलपमेंट कॉस्ट 7 हजार करोड़ रही।