Edited By vasudha,Updated: 08 May, 2018 03:39 PM
कांग्रेस से निष्कासित नेता मणिशंकर अय्यर अपने विवादित बयानों को लेकर अकसर सुर्खियों में बने रहते हैं। मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर को लेकर जारी विवाद के बीच अय्यर के एक बयान ने नए विवाद को जन्म दे दिया है...
नेशनल डेस्क: कांग्रेस से निष्कासित नेता मणिशंकर अय्यर अपने विवादित बयानों को लेकर अकसर सुर्खियों में बने रहते हैं। मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर को लेकर जारी बवाल के बीच अय्यर के एक बयान ने नए विवाद को जन्म दे दिया है। इस बार उन्होंने मोहम्मद अली जिन्ना की तुलना महात्मा गांधी से कर दी। यही नहीं उन्होंने पाकिस्तान में कहा कि भारत के मौजूदा हालात सही नहीं है।
मोदी शासन का होगा अंत
लाहौर में एक इंटरनेशनल कॉफ्रेंस में शिरकत करने पहुंचे अय्यर ने नरेंद्र मोदी पर हमला करते हुए कहा कि वह अब दोबारा पीएम नहीं बनेंगे। 2014 में देश की 70 फीसदी जनता ने मोदी के खिलाफ वोट किया था लेकिन वे कामयाब नहीं हो पाए क्योंकि वे आपस में ही बंटे हुए थे। अब उन्हे उम्मीद है कि यह 70 फीसदी जनता एकसाथ आएगी और देश में फैले इस अराजकता भरे माहौल से जनता को मुक्ति दिलाएगी। पूर्व कांग्रेस नेता के अनुसार वीडी सावरकर ने साल 1923 में हिन्दुत्व नाम के शब्द की खोज की थी, इस शब्द का किसी धार्मिक किताब में जिक्र नहीं है। उन्होंने कहा कि सावरकर ने ही सबसे पहले टू नेशन थ्योरी को जन्म दिया। आज ऐसे लोग भारत में सत्ता पर काबिज हैं जो सावरकर को अपना गुरु मानते हैं।
आलोचकों पर साधा निशाना
इसके साथ ही अय्यर ने जिन्ना को कायद-ए-आजम कहने पर उनकी आलोचना करने वालों पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मैंने जिन्ना को कायद-ए-आजम कहा और उन्मादी भारतीय टीवी एंकर कहने लगे कि कैसे एक भारतीय पाकिस्तान में जाकर इस तरह की बात कर सकते हैं। मैं जानता हूं कि कई पाकिस्तानी एम के गांधी को महात्मा गांधी कहते हैं तो इसका मतलब यह कि वे देशभक्त नहीं हैं?
अय्यर पहले भी दे चुके हैं विवादित बयान
बता दें कि अय्यर हमेशा चुनावों से ठीक पहले इस तरह का बयान देते रहे हैं। गुजरात चुनाव के दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए अपशब्दों का इस्तेमाल किया था। इससे पहले लोकसभा चुनावों में अय्यर ने प्रधानमंत्री पद के दावेदार नरेंद्र मोदी के लिए चाय वाला शब्द का इस्तेमाल किया था। अब कर्नाटक चुनाव ठीक पहले उन्होने पाकिस्तान मे जाकर भारत के खिलाफ बयानबाजी की है।