Edited By Seema Sharma,Updated: 24 Jun, 2018 09:49 AM
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एन.एस.ए.) अजीत डोभाल पी.एम.ओ. में सबसे खुश व्यक्ति हैं क्योंकि जम्मू-कश्मीर में महबूबा मुफ्ती की छुट्टी हो गई है। डोभाल एक कट्टर चरमपंथी बताए जाते हैं और वह पी.डी.पी. के साथ गठबंधन कर सरकार बनाने के खिलाफ थे।
नेशनल डेस्कः राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एन.एस.ए.) अजीत डोभाल पी.एम.ओ. में सबसे खुश व्यक्ति हैं क्योंकि जम्मू-कश्मीर में महबूबा मुफ्ती की छुट्टी हो गई है। डोभाल एक कट्टर चरमपंथी बताए जाते हैं और वह पी.डी.पी. के साथ गठबंधन कर सरकार बनाने के खिलाफ थे। वह उपद्रव ग्रस्त राज्य में जासूसी का नैटवर्क विकसित करना चाहते थे और पुलिस तथा सुरक्षाबलों के बीच पूर्ण तालमेल चाहते थे लेकिन महबूबा सरकार इसमें बाधक थी क्योंकि अधिकांश हिंसक घटनाएं उन क्षेत्रों में हुईं जहां पी.डी.पी. का प्रभाव है।
डोभाल ने महबूबा के साथ केवल एक बार उस समय मुलाकात की थी जब वह 8 अगस्त, 2016 में दिल्ली की अपनी यात्रा दौरान उनसे मिली थीं। अब डोभाल घाटी में अपनी नीति को लागू कर पाएंगे। उनका विचार है कि तुष्टीकरण की नीति काम नहीं करेगी। उन्होंने प्रधानमंत्री के साथ की कई बैठकों दौरान यह बात उन्हें बताई थी। घाटी में नरम रुख अपनाने की कोई व्यवस्था नहीं। यह डोभाल ही हैं जिन्होंने दिनेश्वर शर्मा को वार्ताकार बनवाया।
डोभाल के कहने पर ही दिनेश्वर शर्मा को आई.बी. प्रमुख बनाया गया। सूत्रों का यहां तक कहना है कि डोभाल राज्यपाल एन.एन. वोहरा जैसे अनुभवी व्यक्ति को कुछ और समय तक इस पद पर बने रहने देने के पक्ष में हैं ताकि कोई बड़ी कार्रवाई करने से पूर्व सशस्त्र बल अपनी स्थिति मजबूत कर सकें। घाटी में अब एक बड़ा सफाई अभियान शुरू होगा। पी.एम.ओ. कश्मीर मामलों में प्रत्यक्ष रूप से हस्तक्षेप करेगा और गृह मंत्रालय की भूमिका दूसरी पंक्ति की होगी। मुफ्ती सरकार ने जिन 11 हजार पत्थरबाजों के खिलाफ आपराधिक मामलों को रद्द किया था, अब उनकी भी समीक्षा होगी।