Edited By ,Updated: 03 Apr, 2017 08:09 PM
अजमेर दरगाह पर वर्ष 2007 में हुए बम धमाके के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने एक बार फिर से आरएसएस कार्यकर्ता इंद्रेश कुमार, साध्वी प्रज्ञा को क्लीन चिट दी है।
नई दिल्ली: अजमेर दरगाह पर वर्ष 2007 में हुए बम धमाके के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने एक बार फिर से आरएसएस कार्यकर्ता इंद्रेश कुमार, साध्वी प्रज्ञा को क्लीन चिट दी है। एनआईए ने इस मामले की जांच से जुड़ी अपनी क्लोजर रिपोर्ट में कहा कि इन दोनों के खिलाफ कोई पुख्ता सबूत नहीं मिला है, ऐसे में इनके खिलाफ जांच आगे नहीं बढ़ाई जा सकती है।
लिख देने से क्लीनचीट नहीं हो जाता: कोर्ट
एनआईए के इस फैसले पर कोर्ट ने कहा- लिख देने से क्लीनचीट नहीं हो जाता है पूरी क्लोजर रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल कीजिए उसके बाद ही एनआईए कोर्ट इनके क्लीनचीट पर संज्ञान लेगा। कोर्ट की प्रतिक्रिया के बाद एनआईए कोर्ट में इंद्रेश कुमार, साध्वी प्रज्ञा, रमेश और जयंती दास के खिलाफ क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की गई। जिसमें से बेस्ट बेकरी कांड के आरोपी रमेश और जयंती दास की मौत जेल में हो चुकी है। कोर्ट ने इस क्लोजर रिपोर्ट पर संज्ञान लेने के लिए 17 अप्रैल की तारीख तय की है।
एनआईए के डायरेक्टर को नोटिस जारी
इसके अलावा एनआईए के डायरेक्टर समेत कोझीको के कलेक्टर और इंदौर आईजी को भी नोटिस जारी किए गए हैं। एनआईए डायरेक्टर से कोर्ट ने पूछा कि संदीप डांगे और रामचंद कालसांगरा और सुरेश नायर जैसे भगोड़े अभियुक्तों को पकडऩे के लिए अभी तक क्या प्रयास किए गए। कोर्ट ने इंदौर आईजी और कोझीकोड के कलेक्टर को नोटिस जारी करते हुए नाराजगी जताई है कि बार-बार भगोड़े आरोपी रामंचंद कालसांगरा और सुरेश नायर की संपत्तियों का ब्योरा कोर्ट को क्यों नहीं सौंपा जा रहा है।
गौरतलब है कि अजमेर बलास्ट मामले में जयपुर की एनआईए कोर्ट ने 3 लोगों सुनील जोशी, देवेंद्र और भवेश पटेल को दोषी माना था। इसमें से सुनील जोशी की मौत हो गई है जबकि देवेंद्र और भवेश पटेल को उम्रकैद की सजा हुई है।