Edited By prachi upadhyay,Updated: 31 Jul, 2019 12:30 PM
शहर में अब सड़कों पर नहीं बल्कि छतों पर नमाज पढ़ी जाएगी। ये निर्देश शहर के मुफ्ती मोहम्मद खालिद हमीद ने जारी किया है। दरअसल, अलीगढ़ में बीते कई दिनों से सड़कों पर नमाज और हनुमान चालीसा पढ़ने को लेकर दोनों समुदाय में जबरदस्त टकराव चल रहा था। इसी को...
अलीगढ़: शहर में अब सड़कों पर नहीं बल्कि छतों पर नमाज पढ़ी जाएगी। ये निर्देश शहर के मुफ्ती मोहम्मद खालिद हमीद ने जारी किया है। दरअसल, अलीगढ़ में बीते कई दिनों से सड़कों पर नमाज और हनुमान चालीसा पढ़ने को लेकर दोनों समुदाय में जबरदस्त टकराव चल रहा था। इसी को लेकर जिला प्रशासन ने आदेश जारी किया, कि अब सड़क पर किसी तरह की कोई धार्मिक गतिविधि नहीं होगी। इसको लेकर मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों ने प्रशासनिक अधिकारियों से मुलाकात की। जिसके बाद शहर के मुफ्ती ने ये घोषणा की।
मुफ्ती मोहम्मद खालिद ने बताया कि सड़क पर नमाज अदा करने का कोई प्रावधान नहीं है, लेकिन कई बार जगह की कमी के कारण ऐसा करना पड़ता है। हालांकि मैंने सभी मस्जिदों के प्रशासन को इस बारे में निर्देश दे दिए हैं और साथ ही ये भी कहा कि जगह की कमी पड़ने पर छत पर नमाज पढ़ने की व्यवस्था की जाए।
वहीं इस पूरे मामले पर जिलाधिकारी सीबी सिंह ने कहा कि किसी खास मौके पर आयोजन के लिए मस्जिदों या धार्मिक स्थलों के पहले से अनुमति लेनी होगी। वहीं अगर कोई भी इस आदेश का उल्लंघन करते पकड़ा गया, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, चाहे वो किसी भी धर्म का हो। डीएम ने बताया कि मुस्लिम नेताओं और महापौर मोहम्मद फुरकान ने भी इस फैसले का समर्थन किया है। उन्होने आश्वासन दिया है कि उनके समुदाय के सदस्य इसका पालन करेंगे।
इधर इस प्रतिबंध को लेकर दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं और हिंदू नेताओं ने कहा कि वे तब तक कुछ नहीं करेंगे जब तक दूसरे समुदाय के लोग इसका उल्लंघन नहीं करते। वहीं, बजरंग दल के संयोजक गौरव शर्मा ने कहा कि अगर मुस्लिम सड़कों पर जुमे की नमाज अदा करेंगे, तो हम भी सड़कों पर आरती या हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे।