Edited By shukdev,Updated: 16 Feb, 2019 02:02 PM
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले के मद्देनजर केंद्र सरकार की संसद की लाइब्रेरी में बुलाई गई सर्वदलीय बैठक खत्म हो गई है। जानकारी मुताबिक इस बैठक में केंद्र सरकार विभिन्न दलों के शीर्ष नेताओं को इस चुनौती से निपटने के लिए उठाए गए अपने...
नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले के मद्देनजर केंद्र सरकार की संसद की लाइब्रेरी में बुलाई गई सर्वदलीय बैठक खत्म हो गई है। जानकारी मुताबिक इस बैठक में केंद्र सरकार विभिन्न दलों के शीर्ष नेताओं को इस चुनौती से निपटने के लिए उठाए गए अपने कदमों से अवगत कराया गया है।
ये नेता हुए इस बैठक में शामिल
गृहमंत्री राजनाथ सिंह की इस बैठक में कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा एवं ज्योतिरादित्य सिंधिया, तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय एवं डेरेक ओ ब्रायन, शिवसेना के संजय राउत, तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के जितेंद्र रेड्डी, भाकपा के डी राजा, नेशनल कॉन्फ्रेंस के फारुक अब्दुल्ला और लोजपा के रामविलास पासवान समेत कई अन्य नेता शामिल हैं। सिंह हमले के बाद की स्थिति का जायजा लेने के लिए शुक्रवार को कश्मीर में मौजूद थे। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि दलों को पुलवामा में हुए हमले और सरकार ने अब तक इस संबंध में क्या-क्या कदम उठाएं हैं इस बारे में सूचित किया जाएगा। अकाली दल के नरेश गुजराल, रालोसपा के उपेंद्र कुशवाहा एवं राजद के जय प्रकाश नायाराण यादव भी इस बैठक में शामिल हैं।
सीमा पार से उसे मिल रहे समर्थन की निंदा
पुलवामा हमले के मद्देनजर शनिवार को हुई सर्वदलीय बैठक में आतंकवाद के सभी स्वरूपों तथा पड़ोसी देश से उसे मिल रहे समर्थन की कड़ी निंदा करते हुए सभी राजनीतिक दलों ने एक सुर में कहा कि वे सुरक्षा बलों के साथ खड़े हैं। गृह मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में संसदीय कार्यमंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने पत्रकारों से कहा कि 14 फरवरी को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवानों पर पुलवामा में हए इस हमले से पूरा देश आहत और आक्रोशित है। उन्होंने बताया कि बैठक में एक प्रस्ताव पारित कर इस हमले की ङ्क्षनदा की गयी तथा सभी दलों ने आतंकवाद से लडऩे और देश की एकता तथा अखंडता की रक्षा के लिए सुरक्षा बलों के साथ होने की बात कही। प्रस्ताव में कहा गया है ‘‘हम किसी भी तरह के आतंकवाद तथा सीमा पार से उसे मिल रहे समर्थन की निंदा करते हैं। आतंकवाद से लड़ाई और देश की एकता तथा अखंडता की रक्षा में हम अपने सुरक्षा बलों के साथ डटकर खड़े हैं।’’
आतंकवादी हमले में हुए थे CRPF के 40 जवान शहीद
जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों पर हुए सबसे बड़े आतंकवादी हमलों में से एक में सीआरपीएफ के कम से कम 40 जवान शहीद हो गए हैं। पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। राजनीतिक पार्टियों ने हमले के बाद एकजुटता दिखाई है और इस मामले में राजग सरकार की कार्रवाई को अपना समर्थन दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा है कि हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को दंडित किया जाएगा और उनकी सरकार ने पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय समुदाय के भीतर अलग-थलग करने के लिए कूटनीतिक आक्रामकता दिखानी शुरू कर दी है।