Edited By Punjab Kesari,Updated: 02 Feb, 2018 05:29 AM
उच्चतम न्यायालय ने न्यायाधीशों को मुकद्दमों के आबंटन के लिए आज रोस्टर प्रणाली अपना ली। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने जनहित याचिकाओं (पी.आई.एल.) को अपने पास रखा है। प्रधान न्यायाधीश का इस बारे में आदेश आज उच्चतम न्यायालय की अधिकृत वैबसाइट पर...
नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने न्यायाधीशों को मुकद्दमों के आबंटन के लिए वीरवार को रोस्टर प्रणाली अपना ली। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने जनहित याचिकाओं (पी.आई.एल.) को अपने पास रखा है।
प्रधान न्यायाधीश का इस बारे में आदेश वीरवार को उच्चतम न्यायालय की अधिकृत वैबसाइट पर सार्वजनिक किया गया। इस संबंध में 13 पेज की अधिसूचना में कहा गया कि प्रधान न्यायाधीश के आदेश पर नए मुकद्दमों के बारे में अधिसूचित रोस्टर प्रणाली 5 फरवरी से अगले आदेश तक प्रभावी रहेगी। मुकद्दमों के आबंटन के बारे में रोस्टर प्रणाली को सार्वजनिक करने का निर्णय महत्वपूर्ण है क्योंकि न्यायालय के 4 वरिष्ठतम न्यायाधीशों-न्यायमूर्ति जे. चेलामेश्वर, न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति मदन बी. लोकूर और न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ ने 12 जनवरी को अपनी प्रैस कॉन्फ्रैंस में संवेदनशील जनहित याचिकाओं और महत्वपूर्ण मुकद्दमे वरिष्ठता के मामले में जूनियर न्यायाधीशों को आबंटित किए जाने पर सवाल उठाए थे।
अधिसूचना में उन मामलों का उल्लेख किया गया है जो प्रधान न्यायाधीश, न्यायमूर्ति चेलामेश्वर, न्यायमूर्ति गोगोई, न्यायमूर्ति लोकूर और न्यायमूर्ति जोसेफ, न्यायमूर्ति ए.के. सीकरी, न्यायमूर्ति एस.ए. बोबडे, न्यायमूर्ति आर.के. अग्रवाल, न्यायमूर्ति एन.वी. रमण,न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा, न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल और न्यायमूर्ति आर.एफ. नरिमन की अध्यक्षता वाली पीठों को आबंटित किए जाएंगे।