‘पढ़ाई में होनहार थे दोनों, कुछ बनना चाहते थे’

Edited By Anil dev,Updated: 07 May, 2018 12:17 PM

amarjit singh narendra chaudhary delhi police

रविवार रात 12 बजे अलीपुर सिंधु बॉर्डर लाल बत्ती पर पीसीआर ने बाइक सवार छात्रों को जबर्दस्त टक्कर मार दी। दोनों की अस्पताल ले जाते हुए मौत हो गई। अमरजीत सिंह और नरेन्द्र चौधरी के परिवार का कहना है कि दोनों बच्चे पढ़ाई में होनहार थे। दोनों परिवार के...

अलीपुर(महेश चौहान): रविवार रात 12 बजे अलीपुर सिंधु बॉर्डर लाल बत्ती पर पीसीआर ने बाइक सवार छात्रों को जबर्दस्त टक्कर मार दी। दोनों की अस्पताल ले जाते हुए मौत हो गई। अमरजीत सिंह और नरेन्द्र चौधरी के परिवार का कहना है कि दोनों बच्चे पढ़ाई में होनहार थे। दोनों परिवार के लिए कुछ करना चाहते थे। तभी उन्होंने दिल्ली आकर पढ़ाई करने की बात परिवार वालों से कही थी। दोनों बच्चों का उज्ज्वल भविष्य देखकर परिवार वाले भी उनके भविष्य के बीच नहीं आना चाहते थे। इसलिए उन्होंने उनको पढ़ाई करने और अपना भविष्य बनाने के लिए दिल्ली भेज दिया था।  

एल्कोहल होने का भी मामला आया सामने
पुलिस सूत्रों की मानें तो हादसे के वक्त अमरजीत और नरेन्द्र ने एल्कोहल का सेवन कर रखा था या नहीं, इस बारे में पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। सूत्र बताते हैं कि शुरुआती जांच में दोनों के एल्कोहल का सेवन करने का पता चला है। लेकिन इस बारे कोई अधिकारिक पुष्टि नहीं कर रहा है।

पीछे बाइक पर दोस्त राणा आ रहा था
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि हादसे के वक्त अमरजीत की बाइक नरेन्द्र चला रहा था। जबकि उनके दो अन्य दोस्त नेत्रपाल राणा और अनुराग सिसौदिया भी एक दूसरी बाइक पर सवार थे। राणा बामरौली कटारा आगरा का रहने वाला है। वह प्राइवेट नौकरी करता है। राणा ने बताया कि मुरथल जाने के लिए वह रात करीब सवा 11 बजेे तीनों के साथ निकला था। आगे नरेन्द्र और अमरजीत बाइक पर थे, पीछे वह आ रहा था।अलीपुर सिंधु बॉर्डर लाल बत्ती पर पहुंचे। वह हरी बत्ती होते ही मुरथल के रास्ते की तरफ चल दिये। इस बीच नरेला की तरफ से आई पीसीआर वैन ने नरेन्द्र की बाइक में जबर्दस्त टक्कर मारी। टक्कर लगते ही दोनों काफी दूर जाकर गिरे। पीछे से जब हम आ रहे थे। भीड़ भाड़ देखकर रुके तो देखा अमरजीत और नरेन्द्र खून से लथपथ हालत में पड़े थे। दोनों को उसी पीसीआर वैन से अस्पताल ले गए। डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। दोनों के परिवारवालों को काफी मुश्किल से संपर्क करने के बाद हादसे की सूचना दी थी। दोस्तों ने बताया कि चारों का काफी समय बाद मुरथल जाने का प्रोग्राम बना था। इससे पहले कई बार प्रोग्राम रद भी हो गया था। अमरजीत ने अपनी बाइक खुद ही चलाने के बारे में नरेन्द्र से कहा था। लेकिन नरेन्द्र ने जिद कर बाइक खुद चलाने की बात कही थी। दोनों ने हेलमेट नहीं पहने थे। जबकि आपस में वो बातें हेलमेट की बात कर बोल रहे थे कि रात को भी पुलिस वाले बिना हेलमेट पहनने वालों को पकड़ रहे हैं।

‘जिसकी गलती है उसको सजा जरूर हो’
नरेन्द्र के पिता सत्यप्रकाश ने बताया कि नरेन्द्र जनकपुरी स्थित कम्बाईन डिफेंस सर्विस (सीडीएस) की पिछले डेढ़ महीने से पढ़ाई कर रहा था। वह गाजियाबाद में अपने एक जानकार के पास रह रहा था। इससे पहले वह कोटक महिन्द्रा बैंक में सर्विस कर रहा था। जिसको उसने छोड़ दी थी। हादसे की जानकारी उसके दोस्तों से मिली थी। उनको कुछ चश्मदीदों ने हादसे की बात बताई है। जिससे पीसीआर वैन द्वारा टक्कर मारने की बात पता चली है। अगर ऐसा है तो आरोपियों को सजा होनी चाहिए।  उसकी पढ़ाई को लेकर सभी चिंतित रहते थे। नरेन्द्र काफी इमोशनल लड़का था। उसको परिवार की कम ही बातें बताया करते थे। नरेन्द्र की एक बहन प्रियंका दिल्ली में ही रहकर दिल्ली मेट्रो में ही नौकरी करती है। नरेन्द्र प्रियंका से बातचीत करता रहता था। अमरजीत के पिता सूबेदार रमेश ने बताया कि उनका बेटा नोएडा सेक्टर-62 स्थित सिमबायोसिस सेंटर से पढ़ाई कर रहा था। वह रात को अपने दोस्तों के साथ मुरथल के लिए निकला था। जिसको पीसीआर ने टक्कर मार दी थी। हादसे में उसके दोस्त नरेन्द्र की भी मौत हुई है। उनका कहना है कि पीसीआर वैन चालक को पुलिस गिरफ्तार कर सजा दे।

बाइक की स्पीड भी थी काफी ज्यादा
रेड लाइट पर इतनी तेज टक्कर होना कहीं ना कहीं मोटरसाइकिल की भी ओवर स्पीड की ओर संकेत करता है लेकिन यह मामला जांच का विषय है कि आखिरकार इस हादसे में गलती किसकी रही जो मौत की वजह बनी।   इतना जरूर साफ है कि दिल्ली से मुरथल पराठे खाने के लिए जाने वाले युवकों के हादसों की संख्या काफी ज्यादा है।  देश के नेशनल प्लेयर तक इस तरह पराठे खाने के दौरान इसी रेड लाइट के पास हादसे के शिकार हो चुके हैं, जिसमे उनकी मौत हो गई थी।  कहीं न कहीं मुरथल ढाबे की यह यात्रा और वहां जाने का शौक छात्रों का ज्यादा होता है और एक  साल में कई हादसे छात्रों के उस दौरान  होते हैं जब वे ओवर स्पीड होकर मुरथल ढाबे पर पराठे खाने के लिए जाते हैं।

कुछ बड़े हादसों पर डालें नजर
18 दिसम्बर 2015: दिल्ली के बदरपुर फ्लाईओवर से पहले फरीदाबाद की तरफ से आ रही वैगनआर कार और दिल्ली की तरफ से आ रहे ट्रैक्टर में जबरदस्त टक्कर हुई। जिसमें वैगन आर में बैठे सभी छह लोगों की मौके पर ही मौत हो गई।  
14 जून 2016: दिल्ली के जनकपुरी इलाके में बेलगाम कार ने एक बुजुर्ग सहित दो लोगों को रौंद दिया जबकि एक व्यक्ति घायल हुआ है। कार चालक एक छात्र था और नशे में था।  
2 मई 2016: समयपुर बादली इलाके में एक ही कार में सवार छह दोस्तों की मौत, हादसा कैसे हुआ अभी तक एक राज बना हुआ है। 
15 अप्रैल 2016:  दिल्ली के धौला कुआं इलाके में रोड डिवाइडर से एक मोटरसाइकिल टकरा गई, जिसमें तीन की मौत हो गई। 
22 जनवरी:  सरिता विहार इलाके में एक ट्रक डिवाइडर से टकराकर पलट गया। इस हादसे में दो लोगों की मौत हो गई है जबकि छह लोग घायल हो गए।  
16 दिसम्बर 2016: राष्ट्रपति भवन के पास टकराईं 6 कारें, कई घायल।
7 अप्रैल: सराय काले खां के पास तेज रफ्तार मर्सिडीज कार ने एक ऑटो को पीछे से टक्कर मार दी। इस हादसे में ऑटो चालक समेत तीन लोग घायल हो गए।


 

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