दिल्ली दंगों पर बोले अमर्त्य सेन : गहरी चिंता का विषय

Edited By Pardeep,Updated: 01 Mar, 2020 12:45 AM

amartya sen speaks on delhi riots a matter of deep concern

दिल्ली में हाल में हुई सांप्रदायिक हिंसा पर चिंता व्यक्त करते हुए नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन ने शनिवार को कहा कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है और लोगों को धार्मिक आधार पर बांटा नहीं जा सकता। उन्होंने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि...

बोलपुरः दिल्ली में हाल में हुई सांप्रदायिक हिंसा पर चिंता व्यक्त करते हुए नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन ने शनिवार को कहा कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है और लोगों को धार्मिक आधार पर बांटा नहीं जा सकता। उन्होंने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि यह पता लगाया जाना चाहिए कि क्या पुलिस अक्षम है या हिंसा से निपटने के लिए सरकार की तरफ से प्रयासों में कमी थी। प्रतीचि ट्रस्ट द्वारा यहां आयोजित एक कार्यक्रम में सेन ने कहा, “मैं बहुत चिंतित हूं कि यह जहां हुई वह देश की राजधानी है और केंद्र द्वारा शासित है।

अगर अल्पसंख्यकों को वहां प्रताड़ित किया जाता है और पुलिस ‍विफल या अपना कर्तव्य निभाने में नाकाम रहती है तो यह गंभीर चिंता का विषय है।” उन्होंने कहा, “ऐसी खबर है कि जो लोग मारे गए या जिन्हें प्रताड़ित किया गया उनमें अधिकतर मुसलमान हैं। भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है, हम हिंदू और मुसलमानों को बांट नहीं सकते। एक भारतीय नागरिक के तौर पर मैं चिंता होने के अलावा कुछ और नहीं कर सकता।”

सेन ने हालांकि कहा कि वह पूरे मामले का विश्लेषण किए बगैर कोई निष्कर्ष नहीं निकाल सकते। उन्होंने कहा कि न्यायमूर्ति एस मुरलीधर का दिल्ली उच्च न्यायालय से पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय पर सवाल उठना स्वाभाविक है। सेन ने संवाददाताओं से कहा, “मैं व्यक्तिगत रूप से उन्हें जानता हूं। सवाल उठने स्वाभाविक हैं लेकिन मैं कोई फैसला नहीं सुना सकता।”

 

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