Edited By Pardeep,Updated: 08 Dec, 2020 10:22 PM
भारत में कोरोना वायरस रोधी टीके के विकास में वैश्विक दिलचस्पी को देखते हुए बुधवार को अपनी तरह की पहली पहल के तहत 60 देशों के राजदूतों को हैदराबाद स्थित प्रमुख जैव प्रौद्योगिकी कंपनियों-भारत बायोटेक एवं बायोलॉजिकल
नई दिल्लीः भारत में कोरोना वायरस रोधी टीके के विकास में वैश्विक दिलचस्पी को देखते हुए बुधवार को अपनी तरह की पहली पहल के तहत 60 देशों के राजदूतों को हैदराबाद स्थित प्रमुख जैव प्रौद्योगिकी कंपनियों--भारत बायोटेक एवं बायोलॉजिकल ई ले जाया जाएगा।
सरकारी सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि करीब एक महीने पहले विदेश मंत्रालय ने 190 से ज्यादा राजनयिक मिशनों और प्रमुख अंतरराष्ट्रीय संगठनों को कोविड-19 से संबंधित मुद्दों पर जानकारी दी थी। उन्होंने कहा कि विदेश मंत्रालय की कोविड-19 ब्रीफिंग पहल के तहत भारत में विदेशी मिशनों के प्रमुखों को हैदराबाद ले जाया जा रहा है। सूत्रों ने कहा कि उन्हें अन्य शहरों में भी ले जाया जाएगा। उन्होंने कहा कि भारत कोविड-19 महामारी से निपटने में वैश्विक प्रयासों में अहम योगदान दे रहा है।
सरकारी सूत्रों ने कहा, "भारत के टीका विकास के प्रयास में काफी रुचि ली जा रही है। 60 से ज्यादा मिशनों के प्रमुखों को हैदराबाद की प्रमुख जैव प्रौद्योगिकी कंपनियों--भारत बायोटेक और बायोलॉजिकल ई ले जाया जा रहा है।" कोरोना वायरस महामारी का कहर दुनियाभर में जारी है। विश्व में अब तक इस महामारी के 6.8 करोड़ मामलों की पुष्टि हुई है और कम से कम 190 देशों में अब तक 15 लाख से ज्यादा लोगों की इस बीमारी से मौत हो चुकी है। कोविड-19 से निपटने के लिए कई टीकों पर काम चल रहा है लेकिन ध्यान उनके उत्पादन पर है।
भारत पहले ही घोषणा कर चुका है कि उसके टीके के उत्पादन और वितरण क्षमता का उपयोग कोविड-19 महामारी से लड़ने में मानवता की मदद करने के लिए किया जाएगा और वह अन्य देशों की प्रशीतन श्रृंखला तथा भंडारण क्षमता को बढ़ाने में मदद करेगा। सूत्रों ने कहा, "भारत दुनिया का सबसे बड़ा टीका विनिर्माता है। जैसा कि प्रधानमंत्री ने कहा है, भारत के टीका उत्पादन और आपूर्ति की क्षमता का इस्तेमाल इस संकट से लड़ने में समूची मानवता की मदद के लिए किया जाएगा।"