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'एम्बुलेंस मैन' जितेन्द्र शंटी AAP में हुए शामिल, दिल्ली में चुनाव से पहले मजबूत हुए केजरीवाल; BJP को बड़ा झटका

Edited By rajesh kumar,Updated: 05 Dec, 2024 08:22 PM

ambulance man jitendra shanti joins aap

सामाजिक कार्यकर्ता और पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित जितेन्द्र सिंह शंटी गुरुवार को पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल की उपस्थिति में आम आदमी पार्टी (आप) में शामिल हो गए। जितेन्द्र शंटी साल 2013 में भाजपा से विधायक रह चुके हैं।

नेशनल डेस्क: सामाजिक कार्यकर्ता और पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित जितेन्द्र सिंह शंटी गुरुवार को पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल की उपस्थिति में आम आदमी पार्टी (आप) में शामिल हो गए। जितेन्द्र शंटी साल 2013 में भाजपा से विधायक रह चुके हैं। जितेन्द्र का आप में जाना बीजेपी के लिए एक झटका माना जा रहा है। जितेन्द्र सिंह शंटी शहीद भगत सिंह सेवा दल (एसबीएस) फाउंडेशन के संस्थापक भी हैं।

पार्टी में आधिकारिक रूप से शामिल होने पर केजरीवाल ने कोविड-19 महामारी के चुनौतीपूर्ण समय के दौरान समाज में जितेन्द्र सिंह शंटी के महत्वपूर्ण योगदान की प्रशंसा की। उन्होंने जरूरतमंद लोगों की सहायता करने में शंटी के समर्पण और प्रयासों पर प्रकाश डाला तथा सार्वजनिक सेवा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता की सराहना की। केजरीवाल ने इस बात पर जोर दिया कि शंटी के पार्टी में शामिल होने से आम आदमी पार्टी (आप) की ताकत बढ़ेगी।

AAP को मजबूती मिलेगी- केजरीवाल 
केजरीवाल ने कहा, "उन्हें 'एम्बुलेंस मैन' के नाम से जाना जाता है...मुझे बताया गया है कि उन्होंने 70,000 से अधिक शवों का सम्मानजनक तरीके से अंतिम संस्कार कराया है। कोविड काल में जब लोग अपने परिवार के सदस्यों के शव लेने में हिचकिचा रहे थे, तब उन्होंने शव स्वीकार किए और अंतिम संस्कार किया। वह भी कोविड का शिकार हो गए। यहां तक ​​कि जब उनके परिवार को कोविड हुआ, तब भी उन्होंने अपना मिशन जारी रखा। इसके लिए उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया...वह लोगों की सेवा करने के लिए राजनीति में आए हैं...उनके शामिल होने से आप को मजबूती मिलेगी।"

आप में शामिल होने पर क्या बोले जितेंद्र शंटी 
आप में शामिल होने पर जितेंद्र शंटी ने कहा, "मैं राजनीति से दूर होकर सेवा कार्यों पर ध्यान केंद्रित कर रहा था। कोविड-19 महामारी के दौरान मुझे लावारिस शवों का अंतिम संस्कार करके सेवा करने का अवसर मिला। एक दिन मुझे अरविंद केजरीवाल का फोन आया, जिन्होंने इस नेक काम में योगदान देने की इच्छा जताई। मेरे सहयोगियों ने हमारे काम में समानता बताई: जहां वह लोगों को जीवन दे रहे हैं, वहीं हम मृत्यु के बाद के मामलों का ख्याल रख रहे हैं। हम दोनों भगत सिंह से प्रेरणा लेते हैं, जिन्होंने लाहौर जेल में मानवाधिकारों का मुद्दा सबसे पहले उठाया था। महामारी के बाद, मैंने यह मुद्दा उठाया कि लोगों को अपने मृतक प्रियजनों के शवों तक पहुंच क्यों नहीं होनी चाहिए।"

जानिए कौन हैं जितेंद्र शंटी?
शंटी शहीद भगत सिंह सेवा दल और शहीद-ए-आजम भगत सिंह फाउंडेशन के संस्थापक हैं। वह 2008 में भाजपा में शामिल हुए और 2013 में शाहदरा से दिल्ली विधानसभा चुनाव जीते। कोविड-19 महामारी के दौरान उनकी परोपकारी सेवाओं के लिए शंटी को 2021 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया। उन्होंने यह नागरिक सम्मान अपने साथी अग्रिम पंक्ति कार्यकर्ताओं को समर्पित किया।

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