Edited By Yaspal,Updated: 29 Dec, 2019 08:45 PM
उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने रविवार को कहा कि संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) जैसे मुद्दों पर विचारपूर्ण और सकारात्मक बहस जरूरी है और प्रदर्शन के दौरान हिंसा के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए
हैदराबादः उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने रविवार को कहा कि संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) जैसे मुद्दों पर विचारपूर्ण और सकारात्मक बहस जरूरी है और प्रदर्शन के दौरान हिंसा के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए।
नायडू ने कहा, ‘‘सीएए हो या एनपीआर, इन पर देश के लोगों को संवैधानिक संस्थाओं, सभाओं और मीडिया में विचारपूर्ण, सार्थक तथा सकारात्मक चर्चा में हिस्सा लेना चाहिए कि यह कब आया, क्यों आया, इसका क्या प्रभाव होगा और क्या इसमें किसी बदलाव की जरूरत है।''
उन्होंने कहा, ‘‘अगर हम इस बारे में चर्चा करेंगे तो हमारा तंत्र मजबूत होगा और जनता की जानकारी बढ़ेगी।'' अविभाजित आंध्र प्रदेश के दिवंगत मुख्यमंत्री एम चन्ना रेड्डी के जयंती समारोहों का उद्घाटन करते हुए उप राष्ट्रपति ने कहा कि केंद्र को भी असंतोष प्रकट कर रहे लोगों की आशंकाओं को दूर करना चाहिए।
नायडू ने कहा, ‘‘लोकतंत्र में सहमति, असहमति बुनियादी सिद्धांत है। हम किसी चीज को पसंद करते हैं या नहीं, दोनों पक्षों को सुना जाना चाहिए और उस हिसाब से कार्रवाई होनी चाहिए।'' नायडू ने कहा, ‘‘प्रदर्शनों के दौरान हिंसा की गुंजाइश नहीं होनी चाहिए।'' उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने सर्वाधिक विकट चुनौतियों में भी हिंसा के सभी प्रकारों से परहेज किया था।
नायडू ने संसद और विधानसभाओं की गरिमा बनाये रखने तथा उनमें चर्चाओं का स्तर बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि नीतियों की आलोचना करते वक्त निजी हमले नहीं किये जाने चाहिए।