US की भारत को नसीहत- ऐसी कोई तकनीक न खरीदे जिससे हमारे विमानों को हो खतरा

Edited By vasudha,Updated: 18 Jul, 2019 01:59 PM

america advice to us not buying such technology that threatens our planes

पेंटागन ने कहा कि भारत के साथ अमेरिका की रक्षा साझेदारी मजबूत है और इसे अधिक मजबूत बनाने के बारे में विचार किया जा रहा है। साथ ही राष्ट्र को अन्य देशों से सैन्य हार्डवेयर खरीदने के खिलाफ आगाह किया है जो इसकी पांचवी पीढ़ी के जटिल विमान का सामना करने...

वॉशिंगटन: पेंटागन ने कहा कि भारत के साथ अमेरिका की रक्षा साझेदारी मजबूत है और इसे अधिक मजबूत बनाने के बारे में विचार किया जा रहा है। साथ ही राष्ट्र को अन्य देशों से सैन्य हार्डवेयर खरीदने के खिलाफ आगाह किया है जो इसकी पांचवी पीढ़ी के जटिल विमान का सामना करने को लेकर डिजाइन किए गए हैं। 
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ये टिप्पणियां राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की उस घोषणा के एक दिन बाद आई है कि अमेरिका तुर्की को एफ-35 लड़ाकू विमान नहीं बेचेगा। इससे पहले तुर्की ने रूस से एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीदी थी। रूस पर अमेरिका ने प्रतिबंध लगाया हुआ है।

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गौरतलब है कि भारत भी अपने पुराने मित्र रूस से एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली की खरीद कर रहा है। रक्षा नीति के अवर उपसचिव डेविड जे ट्राचटेनबर्ग ने बुधवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मेरे विचार में भारत के साथ हमारी रक्षा साझेदारी मजबूत है और इसे और मजबूत बनाने पर विचार किया जा रहा है। 
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ट्राचटेनबर्ग भारत के रूस से एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीदने के फैसले को लेकर इससे द्विपक्षीय संबंधों पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे। भारत ने 40,000 करोड़ रुपये की लागत से एस-400 मिसाइल प्रणाली की खेप खरीदने के संबंध में पिछले साल अक्टूबर में रूस के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किया था। 
 

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