अमेरिका की धमकी से गहराया करंसी संकट, भारत को हुआ सबसे ज्यादा नुक्सान

Edited By Isha,Updated: 31 Aug, 2018 07:34 PM

america s threat to deep crisis the worst loss to india

टैरिफ के मामले पर अमेरिका और चीन के बीच जारी तनाव के अधिक गहराने की आशंकाओं के चलते भारत सहित एशियाई देशों की करंसी पर इसका देखने को मिला। अगर एक साल के आकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो अन्य एशियाई देशों के मुकाबले भारत को सबसे ज्यादा नुक्सान हुआ। भारत का...

इंटरनेशनल डेस्कः टैरिफ के मामले पर अमेरिका और चीन के बीच जारी तनाव के अधिक गहराने की आशंकाओं के चलते भारत सहित एशियाई देशों की करंसी पर इसका देखने को मिला। अगर एक साल के आकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो अन्य एशियाई देशों के मुकाबले भारत को सबसे ज्यादा नुक्सान हुआ। भारत का रुपया पिछले साल के मुकाबले करीब 10 प्रतिशत गिरा। 

शुक्रवार को बाजार खुलते ही रुपया अब तक के सबसे निचले स्तर 71 रुपये प्रति डॉलर पर आ गया। दरअसल, अमेरिका द्वारा 23 अगस्त से 16 अरब डॉलर के चीनी उत्पादों पर 25 फीसद टैरिफ लगा दिया गया है। अमेरिका के इस कदम के खिलाफ चीन ने जवाबी टैरिफ लगाने का ऐलान किया है और कहा है कि वह भी 200 अरब डॉलर के अमेरिकी सामान पर 25 फीसद टैरिफ लगा सकता है। इस ट्रेड वॉर से दोनों देशों की अर्थव्यवस्था को झटका लगेगा ही पर साथ ही भारत के साथ ही एशियाई देशों को भी इसका नुक्सान उठाना होगा। वहीं अर्जेंटीना की करंसी में  भी13.12 प्रतिशत की गिरावट हुई जिसके बाद एशियाई देशों में इसका सीधा असर पड़ा।

 

करेंसी 2018 2017 गिरावट
रुपया  (भारत) 70.955 63.87 -9.99
रुपिहा (इंडोनेशिया) 14725.000 13565 -7.88
पैसो (फिलीपींस) 53.470 49.93 -6.62
युआन (चीन) 6.827 6.5069 -4.69
वोन (कोरिया) 1113.000 1070.50 -3.82


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गुरुवार को अर्जेंटीना पेसो(करंसी) 13.12 प्रतिशत गिर गई। संदेह जताया जा रहा है  पेसो के गिरने से आर्थिक संकट उभर सकता है वहीं शुक्रवार को भारतीय रुपए में 71 रुपए प्रति डॉलर की गिरावट आई, जबकि इंडोनेशियाई रुपिया 20 साल के निचले स्तर पर चला गयाा। विश्लेषकों ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि सितंबर में संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन के बीच व्यापार विवाद और अर्जेंटीना और तुर्की में आर्थिक संकट के चलते क्षेत्रीय मुद्राओं में अधिक दबाव महसूस होगा। चीन के युआन(करंसी) को लगातार पांचवें मासिक गिरावट के लिए सेट किया गया था, हालांकि जून और जुलाई दोनों में 3 प्रतिशत की गिरावट के मुकाबले अगस्त में घाटा मामूली था।"
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अमरीकी डॉलर के आगे बाकी करंसी हो रही कमजोर
इसके पहले तुर्की में आर्थ‍िक संकट ने रुपए के लिए मुसीबत खड़ी कर दी। तुर्की करंसी लिरा के कमजोर होने का असर रुपए पर दिखा था। ग्लोबल मार्केट में लगातार बन रहे जटिल हालातों की वजह से फिलहाल रुपए का मजबूत होना आने वाले कुछ समय में मुश्किल दिख रहा है।
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इन कारणों से लुढ़का रूपया

  • रुपए में गिरावट के पीछे ऑयल इम्पोर्टर्स को भी एक कारण माना जा रहा है। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में क्रूड के दामों में तेजी भी इसके पीछे वजह मानी जा रही है। 
  • कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों से मुद्रास्फीति बढ़ने की आशंका तथा तेल आयातकों की मजबूत डॉलर मांग को इसके पीछे वजह माना जा रहा है। फिलहाल रुपया लगभग रोज ही डॉलर के मुकाबले टूट रहा है।

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