Edited By Yaspal,Updated: 29 Nov, 2020 06:16 AM
कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों के आंदोलन के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को ‘मन की बात’ करेंगे। इसके लिए प्रधानमंत्री ने जनता से सुझाव मांगे थे। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अलग-अलग मुद्दों पर अपनी बात रखते हैं और देश की...
नेशनल डेस्कः कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों के आंदोलन के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को ‘मन की बात’ करेंगे। इसके लिए प्रधानमंत्री ने जनता से सुझाव मांगे थे। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अलग-अलग मुद्दों पर अपनी बात रखते हैं और देश की जनता से रूबरू होते हैं। किसान आंदोलन के बीच यह तीसरी बार होगा जब पीएम मोदी मन की बात करेंगे। सितंबर में संसद में कृषि कानून पास होने के बाद पंजाब और हरियाणा के किसान लगातार इन कानूनों को विरोध कर रहे हैं। उनकी सरकार से मांग है कि इन तीनों का कानूनों को रद्द किया जाए।
इससे पहले पीएम मोदी अलग-अलग मंचों से कई बार कृषि कानूनों को लेकर देशभर के किसानों को आश्वासन दे चुके हैं कि मंडियों को खत्म नहीं किया जाएगा। किसानों को गुमराह किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग अपनी राजनीति चमकाने के लिए किसानों को गुमराह कर रहे हैं। पीएम ने कहा ‘न तो एमएसपी को खत्म किया जाएगा और न ही मंडियों को खत्म किया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसान देशभर में अपनी फसल को कहीं भी बेच सकता है।
क्या है किसानों का डर?
हालांकि इसको लेकर किसानों के बीच विरोधाभास है, किसानों को इस बात का डर सता रहा है कि मंडियों को खत्म करने जा रही है, प्राइवेट सेक्टर के लोग आकर औने-पौने दामों पर उनकी फसल को खरीदेंगे, जिससे किसानों को उनकी फसल का उचित मुल्य नहीं मिलेगा।
पीएम मोदी ने सितंबर के मन की बात के कार्यक्रम में हरियाणा के एक किसान की चर्चा करते हुए कहा था कि एक किसान भाई में मुझे बताया कि कैसे एक समय था जब उन्हें मंडी से बाहर अपने फल और सब्जियां बेचने में दिक्कत आती थी। लेकिन 2014 में फल और सब्जियों को APMC Act से बाहर कर दिया गया, इसका उन्हें और आसपास के साथी किसानों को बहुत फायदा हुआ। इन किसानों के अपने फल - सब्जियों को कहीं पर भी, किसी को भी बेचने की ताकत है और ये ताकत ही उनकी इस प्रगति का आधार है।