भारत-ताइवान में ट्रेड वार्ता की खबरों से बौखलाया चीन, दे डाली INDIA को धमकी

Edited By Tanuja,Updated: 21 Oct, 2020 10:26 AM

amid talk of india taiwan trade pact beijing says respect

चीन ने अपनी आक्रामक और विस्तारवादी नीतियों के कारण अमेरिका, भारत सहित  दुनिया के कई दुश्मनी मोल ले रखी है। चीन लद्दाख में ...

इंटरनेशनल  डेस्कः चीन ने अपनी आक्रामक और विस्तारवादी नीतियों के कारण अमेरिका, भारत सहित  दुनिया के कई दुश्मनी मोल ले रखी है। चीन लद्दाख में जहां पिछले कई महीनों से भारत के साथ आमने-सामने की स्थिति में है वहीं ताइवान के साथ भी ड्रैगन का विवाद काफी पुराना है। इस बीच भारत और ताईवान के बीत बढ़ती नजदीकिया ड्रैगन को रास नहीं आ रही हैं। दोनों देशों अब  ट्रेड वार्ता की रिपोर्ट्स आने पर चीन को मिर्ची लग रहा है। चीन ने भारत में चल रहीं उन मीडिया रिपोर्ट्स पर नाराजगी जताई है, जिनमें कहा गया  है कि भारत-ताइवान के बीच ट्रेड डील को लेकर बातचीत की शुरुआत हो सकती है। बीजिंग ने कहा है कि भारत को वन-चाइना पॉलिसी के साथ प्रतिबद्ध रहना चाहिए और विवेकपूर्ण तरीके के साथ ताइवान को डील करना चाहिए।

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दरअसल चीन ने अपनी हरकतों से भारत और ताइवान दोनों को दुखी कर रखा है। इससे दोनों लोकतांत्रिक देशों में  निकटता बढ़ रही है और वे ट्रेड डील पर औपचारिक बातचीत शुरू कर सकते हैं। ताइवान कई वर्षों से भारत के साथ ट्रेड डील पर बातचीत करना चाहता है लेकिन भारत सरकार इससे कतराती रही है। इसकी वजह यह है कि भारत चीन की नाराजगी मोल नहीं लेना चाहता था। लेकिन पिछले कुछ महीनों से सरकार के भीतर ऐसे तत्व हावी हुए हैं जो ताइवान से साथ ट्रेड डील के पक्ष में हैं। एक अधिकारी ने बताया कि ताइवान के साथ ट्रेड डील से भारत को टेक्नोलॉजी और इलेक्ट्रॉनिक्स में ज्यादा निवेश आकर्षित करने में मदद मिलेगी। अधिकारी ने कहा कि अभी यह साफ नहीं है कि बातचीत शुरू करने के लिए कब अंतिम फैसला लिया जाएगा।

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इसके अलावा  चीनी विदेश मंत्रालय ने हाल ही में तिब्बत मामलों के लिए नियुक्त किए गए अमेरिकी अधिकारी की तिब्बत सरकार के साथ बैठक को भी आड़े हाथों लिया है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने प्रेस ब्रीफिंग के दौरान कहा, ''दुनिया में वन-चाइना पॉलिसी है और ताइवान चीन का नायाब हिस्सा है। भारत समेत अंतराष्ट्रीय समुदाय में वन-चाइना पॉलिसी को लेकर सर्व-सहमति है।'' झाओ ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट पर जवाब दे रहे थे, जिसमें कहा गया था कि भारत आने वाले समय में ताइवान के साथ ट्रेड पर बातचीत शुरू कर सकता है।

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झाओ ने कहा, ''यह (वन-चाइना पॉलिसी) चीन का अन्य देशों के साथ संबंध विकसित करने का राजनीतिक आधार भी है। इसलिए, हम चीन और ताइवान के साथ राजनयिक संबंध रखने वाले देशों के बीच किसी भी आधिकारिक आदान-प्रदान या किसी भी आधिकारिक दस्तावेजों पर हस्ताक्षर का पूरी दृढ़ता से विरोध करते हैं।'' उन्होंने कहा, ''भारतीय पक्ष को वन-चाइना प्रिंसिपल के लिए प्रतिबद्ध रहना चाहिए और ताइवान से संबंधित मुद्दों पर विवेकपूर्ण और ठीक से विचार करना चाहिए।" बता दें कि पिछले कुछ समय से चीन और ताइवान के बीच में कई मुद्दों पर तनाव बढ़ गया है। हाल ही में ताइवान ने नेशनल डे भी मनाया है, जिसको लेकर चीनी दूतावास ने भारतीय मीडिया कवरेज के लिए दिशा-निर्देश भी जारी किए थे। चीन ने कहा था कि ताइवान के नेशनल डे का कवरेज करते समय भारतीय मीडिया वन-चाइना पॉलिसी का ध्यान रखे और ताइवान को देश न बताए।  

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