Edited By shukdev,Updated: 26 Oct, 2018 08:09 PM
तीन बड़े राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह एनडीए का कुनबा संभालने में जुट गए हैं। अमित शाह तीन राज्यों के चुनाव से पहले ऐसा कोई संकेत नहीं देना चाहते जिससे इन विधानसभा चुनाव में पार्टी का नुकसान...
नेशनल डेस्कः तीन बड़े राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह एनडीए का कुनबा संभालने में जुट गए हैं। अमित शाह तीन राज्यों के चुनाव से पहले ऐसा कोई संकेत नहीं देना चाहते जिससे इन विधानसभा चुनाव में पार्टी का नुकसान हो। अपने सहयोगियों को अपने साथ बनाए रखने के लिए भाजपा अपनी सीटों से समझौता करने के लिए तैयार नजर आ रही है। ये समझौता 2019 के लोकसभा चुनाव को देखकर भी हो रहा है।
भाजपा ने बिहार में जद यू से समझौता करते हुए अपनी कोटे की सीटों की संख्या करीब आधा दर्जन कम करने पर सहमति जता दी है यानि भाजपा में 2014 में जितनी सीटों पर चुनाव जीती थी वह उससे भी आधा दर्जन कम सीटों पर चुनाव लड़ने को राजी है। 2014 में भाजपा बिहार जदयू के बिना चुनाव लड़ी थी और पार्टी के हिस्से 30 सीटें आईं थी। राज्य के 40 में से 30 सीटों पर लड़कर भाजपा के 22 उम्मीदवार सांसद बने थे लेकिन इस बार भाजपा जीती हुई 7 सीटें भी जदयू और अन्य सहयोगियों के लिए छोड़ने के लिए राजी हो गई है। समझौता फार्मूले के तहत जदयू और भाजपा 15-15 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे जबकि अन्य सहयोगी 10 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। हालांकि सीटों की संख्या का ऐलान अभी बाकी है। सीटों की संख्या का ऐलान बाकी दो सहयोगी दलों के साथ विचार विमर्श के बाद दो -तीन दिन में होगा।
पुराने चुनावों के नतीजों पर एक नजरः
- -पिछले 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा और जद (यू) का गठबंधन नहीं था।
- -भाजपा ने लोजपा और रालोसपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था।
- -भाजपा 30, लोजपा 7 और रालोसपा ने 3 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए थे।
- -भाजपा को 22, लोजपा को 6 और रालोसपा को 3 सीटों पर जीत हासिल हुई थी।
- -पिछले चुनाव में जद (यू) को सिर्फ दो सीटों पर जीत मिली थी।
- -इससे पहले 2009 के चुनाव में भाजपा और जद(यू) मिलकर चुनाव लड़े थे
- -जद (यू) ने 25 और भाजपा ने 15 सीटों पर चुनाव लड़ा था।