Edited By Seema Sharma,Updated: 02 Jan, 2019 08:46 AM
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह लोकसभा और राज्यसभा के 350 सदस्यों से रोजाना अलग-अलग बैच में बातचीत कर रहे हैं। इसे एक तरह से असंतुष्ट सांसदों को मनाने की कवायद माना जा रहा है। दरअसल, पार्टी नेतृत्व चाहता है कि सांसदों केअसंतोष पर काबू पाया जा सके।
नेशनल डेस्कः भाजपा अध्यक्ष अमित शाह लोकसभा और राज्यसभा के 350 सदस्यों से रोजाना अलग-अलग बैच में बातचीत कर रहे हैं। इसे एक तरह से असंतुष्ट सांसदों को मनाने की कवायद माना जा रहा है। दरअसल, पार्टी नेतृत्व चाहता है कि सांसदों केअसंतोष पर काबू पाया जा सके। अमित शाह रोज 20-20 के बैच में 40 पार्टी सांसदों से मिलते हैं ताकि उनकी बातों को ध्यान से सुन सकें। पिछले 5 दिनों के भीतर वह बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश के सांसदों से मिल चुके हैं।
4 साल में यह पहली बार है कि वह ऐसा कर रहे हैं। पहले वह समूह में सांसदों को बुलाते थे और उनकी बात सुनने की जगह बस आदेश जारी कर देते थे लेकिन अब स्थितियां बदल गई हैं। अब वह सांसदों को नेतृत्व के प्रति अपने गुस्से को अभिव्यक्त करने की छूट दे रहे हैं। यद्यपि सांसद अभी भी अपने विचारों को उनसे सांझा नहीं कर रहे हैं, पर वे राज्य सरकारों की ही आलोचना कर रहे हैं। उदाहरण के लिए उत्तर प्रदेश के अधिकांश सांसदों ने योगी आदित्यनाथ सरकार की कार्यशैली की आलोचना की है।
पार्टी सांसदों के विचारों को इसलिए जानना चाहती है कि 3 राज्यों में हार के बाद अब वह सतर्क हो गई है और मई में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए कोई शक की गुंजाइश छोडऩा नहीं चाहती। इसलिए पार्टी ने सांसदों को खुल कर बोलने की इजाजत दे दी है।