Edited By Seema Sharma,Updated: 23 Sep, 2019 07:32 PM
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने प्रत्येक नागरिक के लिए पासपोर्ट, आधार, वोटर कार्ड समेत सभी पहचान पत्रों को मिलाकर एक बहुउद्देश्यीय आईडी कार्ड का प्रस्ताव दिया। शाह ने कहा कि सरकार अब तक हुईं सभी जनगणनाओं में सबसे ज्यादा व्यय इस बार करने जा रही है।
नई दिल्लीः केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने प्रत्येक नागरिक के लिए पासपोर्ट, आधार, वोटर कार्ड समेत सभी पहचान पत्रों को मिलाकर एक बहुउद्देश्यीय आईडी कार्ड का प्रस्ताव दिया। शाह ने कहा कि सरकार अब तक हुईं सभी जनगणनाओं में सबसे ज्यादा व्यय इस बार करने जा रही है। इस बार सरकार लगभग 12 हजार करोड़ रुपए खर्च करने जा रही है।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ जैसी योजना भी जनगणना से ही जन्म लेती है। कम लिंगानुपात वाले राज्यों में जन जागृति फैलाना, गर्भपात के कानून को कठोर बनाना, जैसे कई प्रयास किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि 2021 में जो जनगणना होगी इसमें हम मोबाइल ऐप का भी प्रयोग करेंगे।
शाह के संबोधन की खास बातें
- देश के सामाजिक प्रवाह, देश के अंतिम व्यक्ति के विकास और देश के भविष्य के काम के आयोजन के लिए जनगणना आधार है। आयुष्मान भारत योजना से हर घर, हर परिवार हुआ सुरक्षित। 3.6 करोड़ परिवारों में प्रत्येक को मिला 1 ई-कार्ड।
- आयुष्मान भारत से देश के स्वास्थ्य सेवा में आई क्रांति। सिर्फ 1 साल में 18,236 अस्पतालों को इस योजना के लिए इम्पैनल किया गया। जनगणना की पूरी बिल्डिंग ग्रीन बिल्डिंग होगी, भारत में ग्रीन बिल्डिंग के कॉन्सेप्ट को अपनाने की जरूरत है।
- सन् 1865 में सबसे पहले जनगणना की गई तब से लेकर आज 16वीं जनगणना होने जा रही है। कई बदलाव और नई पद्धति के बाद आज जनगणना डिजिटल होने जा रही है।
- साल 2014 में नरेंद्र मोदी जी के देश के प्रधानमंत्री बनने के बाद हमारे सोचने की क्षमता में बदलाव होने लगा। देश को समस्याओं से मुक्त किया जाए, ऐसी प्लानिंग की शुरुआत 2014 के बाद हुई। इससे जनगणना रजिस्टर के सही उपयोग की शुरुआत हुई।
- सरकार अब तक हुईं सभी जनगणनाओं में सबसे ज्यादा व्यय इस बार करने जा रही है। इस बार सरकार लगभग 12 हजार करोड़ रुपए खर्च करने जा रही है।