अमित शाह ने कहा-निजी सुरक्षा गार्डों को भी मिले कल्याणकारी योजनाओं का लाभ

Edited By Yaspal,Updated: 24 Sep, 2019 05:55 PM

amit shah said  private security guards also get benefit of welfare schemes

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को निजी सुरक्षा एजेंसियों के संचालकों से कहा कि वे सरकार प्रायोजित योजनाओं का लाभ उठाकर निजी सुरक्षा गार्डों को स्वास्थ्य बीमा, चिकित्सा जांच और पेंशन जैसी कल्याणकारी सहायता मुहैया कराएं...

नई दिल्लीः केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को निजी सुरक्षा एजेंसियों के संचालकों से कहा कि वे सरकार प्रायोजित योजनाओं का लाभ उठाकर निजी सुरक्षा गार्डों को स्वास्थ्य बीमा, चिकित्सा जांच और पेंशन जैसी कल्याणकारी सहायता मुहैया कराएं। शाह ने निजी सुरक्षा एजेंसियों से यह भी कहा कि वे एनसीसी प्रशिक्षित गार्डों की भर्ती करें जिससे कि गार्ड के रूप में भर्ती होने वालों के पास सुरक्षा संबंधी कुछ आधारभूत प्रशिक्षण हो।

गृह मंत्रालय द्वारा शुरू किए गए निजी सुरक्षा एजेंसी लाइसेंसिंग पोर्टल का उद्घाटन करते हुए शाह ने कहा कि एजेंसियों को हर हाल में सुनिश्चित करना चाहिए कि वेतन भुगतान के लिए प्रत्येक निजी सुरक्षा गार्ड का ‘जन धन' बैंक खाता हो और उनके साथ कोई नकद लेन-देन नहीं किया जाना चाहिए। शाह ने कहा कि देश में लगभग 90 लाख निजी सुरक्षा गार्ड हैं, जबकि पुलिस और अर्धसैनिक बल कर्मियों की संख्या लगभग 30 लाख है। इसका मतलब है कि 24 प्रतिशत पुलिसकर्मी और 76 प्रतिशत निजी सुरक्षा गार्ड हैं।

गृह मंत्री ने कहा, ‘‘आपको निजी सुरक्षा गार्डों की नियमित स्वास्थ्य जांच जैसी कुछ कल्याणकारी योजनाएं लागू करनी चाहिए। आपको उन्हें सरकार प्रायोजित दो लाख रुपये की बीमा योजना (प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना) के तहत भर्ती करना चाहिए और प्रत्येक गार्ड के लिए 22 रुपये का वार्षिक प्रीमियम देना चाहिए। सरकार शेष 350 रुपये का भुगतान करेगी।'' उन्होंने कहा, ‘‘इसी तरह, आपको ऐसा प्रबंध भी करना चाहिए जिससे कि प्रत्येक निजी गार्ड अटल पेंशन योजना (सरकार समर्थित योजना) के दायरे में आ सके।''

गृह मंत्री ने निजी सुरक्षा एजेंसियों से एनसीसी प्रशिक्षित युवाओं की सुरक्षा गार्ड के रूप में भर्ती करने के लिए कहा ताकि यह सुनिश्चित हो सकें कि उन्हें मूलभूत अनुशासन मिले। शाह ने कहा कि निजी सुरक्षा गार्डों का पुलिस सत्यापन अब आसान हो गया है क्योंकि देश के 90 प्रतिशत पुलिस स्टेशन अब अपराध तथा अपराधी ट्रैकिंग नेटवर्क प्रणाली (सीसीटीएनएस) से जुड़े है। उन्होंने कहा कि लाइसेंस पोर्टल अगले 90 दिनों के भीतर सभी प्रमुख भारतीय भाषाओं में उपलब्ध होगा। गृह मंत्री ने कहा कि सरकार यह भी सुनिश्चित करेगी कि यदि कोई सुरक्षा एजेंसी एक विशेष राज्य में पंजीकृत है तो उसे किसी अन्य राज्य में पंजीकरण के लिए मुश्किलों का सामना नहीं करना पड़े।

 

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