उत्तराखंड आपदा:मृतकों के लिए सदन में रखा मौन, शाह बोले-14 वर्ग km क्षेत्र जितना बड़ा था टूटा ग्लेशियर

Edited By Seema Sharma,Updated: 09 Feb, 2021 04:17 PM

amit shah said broken glacier as large as 14 sq km area

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि उत्तराखंड में रविवार को ऋषिगंगा नदी में अचानक आई बाढ़ के कारण एक सुरंग में फंसे, NTPC की निर्माणाधीन परियोजना के करीब 25 से 35 कर्मियों को निकालने का कार्य युद्धस्तर पर जारी है। इस हादसे में एक अन्य...

नेशनल डेस्क: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि उत्तराखंड में रविवार को ऋषिगंगा नदी में अचानक आई बाढ़ के कारण एक सुरंग में फंसे, NTPC की निर्माणाधीन परियोजना के करीब 25 से 35 कर्मियों को निकालने का कार्य युद्धस्तर पर जारी है। इस हादसे में एक अन्य सुरंग में फंसे 15 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है। शाह के जानकारी देने के बाद राज्यसभा में सभी सदस्यों ने इस आपदा में जान गंवाने वाले लोगों के सम्मान में कुछ पलों तक अपने स्थानों पर खड़े होकर मौन रखा। सभापति ने दिवंगत लोगों को श्रद्धांजलि देते हुए उम्मीद जताई कि इस आपदा के बाद चलाए जा रहे बचाव एवं राहत कार्य से लोगों को समुचित लाभ मिलेगा।

 

पनबिजली परियोजना को भी नुकसान पहुंचा
शाह ने राज्यसभा में उत्तराखंड बाढ़ आपदा पर स्वत: आधार पर दिए गए एक बयान में कहा कि सात फरवरी को सुबह लगभग दस बजे उत्तराखंड के चमोली जिले में अलखनंदा की एक सहायक नदी ऋषिगंगा के ऊपरी जलग्रहण क्षेत्र में हिमस्खलन की एक घटना घटी। इसके कारण ऋषिगंगा नदी के जल स्तर में एकाएक काफी वृद्धि हो गई। उन्होंने कहा कि ऋषिगंगा में आयी बाढ़ के कारण 13.2 मेगावाट क्षमता की एक पनबिजली परियोजना पूरी तरह बह गई। इस बाढ़ के कारण निचले इलाके तपोवन में NTPC की निर्माणाधीन 520 मेगावाट की पनबिजली परियोजना को भी नुकसान पहुंचा। शाह के अनुसार, उत्तराखंड सरकार ने बताया है कि अब निचले क्षेत्र में बाढ़ का कोई खतरा नहीं है। साथ ही जल स्तर में भी कमी आ रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र एवं राज्य की सभी एजेंसियां स्थिति पर कड़ी निगाह रखे हुए हैं। 

 

14 वर्ग km क्षेत्र जितना बड़ा था टूटा ग्लेशियर
गृह मंत्री ने उपग्रह से मिली सूचनाओं को साझा करते हुए कहा कि समुद्रदल से करीब 5,600 मीटर ऊपर हिमनद के मुहाने पर हिमस्खलन हुआ। यह हिमस्लखन लगभग 14 वर्ग किलोमीटर जितना बड़ा था। इसी के कारण ऋषिगंगा के निचले क्षेत्रों में अचानक बाढ़ की स्थिति बन गई। शाह ने कहा कि इस आपदा में 197 लोग लापता हुए जिसमें NTPC की निर्माणाधीन परियोजना के 139 कर्मचारी, ऋषिगंगा कार्यरत परियोजना के 46 कर्मचारी और 12 ग्रामीण शामिल हैं। उन्होंने कहा कि एनटीपीसी के 12 व्यक्तियों को एक सुरंग से सुरक्षित बचा लिया गया है। ऋषिगंगा परियोजना के 15 लोगों को भी घटना के समय बचा लिया गया था। शाह ने कहा कि NTPC की एक अन्य सुरंग में अंदाजन 25 से 35 लोग फंसे हुए हैं।

 

सभी एजेंसिया बचाव कार्य में जुटीं
 ITBP ने वहां अपना राहत केंद्र स्थापित कर लिया है और बल के 450 जवान राहत कार्यों में लगे हुए हैं। शाह ने कहा कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) के पांच दल, सेना के आठ दल, जिनमें एक अभियांत्रिकी दल भी शामिल है, घटनास्थल पर बचाव कार्य में जुटे हैं। एक मेडिकल कॉलम और दो एम्बुलेंस भी घटनास्थल पर तैनात हैं। इस काम में नौसेना के एक गोताखोर दल और वायुसेना के पांच हेलीकाप्टरों को भी लगाया गया है। शाह ने कहा कि राज्य सरकार ने सभी स्थानों पर बिजली आपूर्ति बहाल कर दी है।
 

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