Edited By Yaspal,Updated: 08 Aug, 2018 09:12 PM
सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली समूह, उसके प्रोमोटरों और निदेशकों को बुधवार को चेतावनी दी कि वह उससे चालाकी न करें, अन्यथा इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।
नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली समूह, उसके प्रोमोटरों और निदेशकों को बुधवार को चेतावनी दी कि वह उससे चालाकी न करें, अन्यथा इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित की खंडपीठ ने कहा, आम्रपाली समूह शीर्ष अदालत के साथ चालाकी से खेलने की कोशिश न करे।
अगर वह अपनी हरकतों से बाज नहीं आता तो परिणाम का सामना करने के लिए तैयार रहे। न्यायालय ने कंपनी के प्रोमोटरों और निदेशकों से कहा, या तो आप खरीदारों को घर या फ्लैट दें नहीं तो हम खुद फ्लैटों को बेचकर अधूरी आवास परियोजनाएं पूरी करेंगे और हम आपको बेघर बना देंगे।
न्यायालय ने समूह के निदेशकों और प्रोमोटरों को निर्देश दिया कि वे अपनी अचल संपत्तियों और उनके मूल्यांकन का पूरा विवरण 15 दिनों के भीतर अदालत के समक्ष दाखिल करें। उसने अपूर्ण आवासीय परियोजनाओं को पूरा करने के लिए जरूरी चार हजार करोड़ रुपये से अधिक जुटाने के लिए अपनी परिसंपत्तियों की बिक्री के प्रस्ताव की जानकारी भी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। इस मामले की अगली सुनवाई 14 अगस्त को होगी।