Edited By Monika Jamwal,Updated: 29 Apr, 2019 05:02 PM
अनंतनाग लोकसभा सीट पर कड़ी सुरक्षा के बीच तीन चरणों के तहत सोमवार को दूसरे चरण की वोटिंग हुई। लोकसभा चुनाव 2019 में अनंतनाग लोकसभा सीट पर पी.डी.पी. से पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती फिर से सांसद का चुनाव जीतने के लिए मैदान में हैं।
श्रीनगर : अनंतनाग लोकसभा सीट पर कड़ी सुरक्षा के बीच तीन चरणों के तहत सोमवार को दूसरे चरण की वोटिंग हुई। लोकसभा चुनाव 2019 में अनंतनाग लोकसभा सीट पर पी.डी.पी. से पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती फिर से सांसद का चुनाव जीतने के लिए मैदान में हैं। इसके अलावा जम्मू कश्मीर प्रदेश कांग्रेस के प्रमुख गुलाम अहमद मीर भी मैदान में हैं। ऐसे में इन दोनो दिग्गज नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। सोमवार को कुलगाम जिला के चार विधानसभा क्षेत्रों नूराबाद, देवसर, कुलगाम और होमशालीबग में भी वोट डाले गए। राज्य की अनंतनाग लोकसभा सीट पर पीडीपी, कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के बीच कांटे का मुकाबला होता रहा है। जम्मू-कश्मीर की इस सीट से भाजपा के प्रत्याशी अपनी जमानत तक नहीं बचा पाते हैं। लोकसभा चुनाव 2019 में अनंतनाग लोकसभा सीट पर पीडीपी से पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती फिर से सांसद का चुनाव जीतने के लिए मैदान में है। इनका मुकाबला नेशनल कॉन्फ्रेंस के हसनैन मसूदी से है। कांग्रेस ने गुलाम अहमद मीर तो वहीं बीजेपी ने सोफी यूसुफ को खड़ा किया है।
अनंतनाग लोकसभा सीट कई मायनों में अहम है। 2014 में इस सीट पर राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने जीत दर्ज की थी, लेकिन उनके इस्तीफे के दो साल तक इस सीट पर उपचुनाव नहीं हो सका, इसके पीछे घाटी में अशांति का माहौल जिम्मेदार है। चुनाव आयोग के अगर आंकड़ों को देखें तो 1996 में छह महीने के भीतर उपचुनाव कराने के कानून के बाद यह सबसे ज्यादा समय तक रिक्त रहने वाली सीट है। इस सीट से महबूबा के अलावा पी.डी.पी. अध्यक्ष रहे मुफ्ती मोहम्मद सईद और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे मोहम्मद शफी कुरैशी भी सांसद बन चुके हैं। यह सीट पी.डी.पी. का गढ़ है। 2014 में हुए विधानसभा चुनावों में अनंतनाग की 16 विधानसभा सीटों में से 11 सीटों पर पीडीपी जीती थी।
1967 में वजूद में आई अनंतनाग सीट से कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में शुमार मोहम्मद शफी कुरैशी जीते थे, वह तीन बार, 1967 - 71 और 77, लगातार सांसद रहे। इसके बाद यह सीट जम्मू कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के हिस्से में चली गई। 1980 में नेशनल कॉन्फ्रेंस के गुलाम रसूल कोचकए 1984 में नेशनल कॉन्फ्रेंस के बेगम अकबर जहां अब्दुल्ला और 1989 में नेशनल कॉन्फ्रेंस के ही पीएल हंडू सांसद बनेण् 1996 में हुए चुनाव में इस सीट से जनता दल के टिकट पर मोहम्मद मकबूल सांसद चुने गये। इसके बाद 1998 में कांग्रेस के टिकट पर मुफ्ती मोहम्मद सईद जीतने में कामयाब हुए। 1999 में यह सीट फिर नेशनल कॉन्फ्रेंस के पास आ गई और अली मोहम्मद नाइक सांसद बने। 2004 में इस सीट से पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की महबूबा मुफ्ती जीती। 2009 में इस सीट से नेशनल कॉन्फ्रेंस के मिर्जा महबूब बेग जीते। 2014 के आम चुनाव में इस सीट से पीडीपी के टिकट पर महबूबा मुफ्ती दोबारा सांसद चुनी गई थीं।