Edited By vasudha,Updated: 16 Apr, 2018 01:16 PM
विशेष राज्य का दर्जा दिलाने की मांग को लेकर सोमवार को पूरा आंध्र प्रदेश बंद है। इस बंद को प्रदेश प्रत्येका हुदा साधन समिति ने बुलाया है जिसका वाईएसआर कांग्रेस, कांग्रेस और वाम दलों ने समर्थन किया है। वहीं सत्ताधारी तेलगु देशम पार्टी ने इसका विरोध...
नेशनल डेस्क: विशेष राज्य का दर्जा दिलाने की मांग को लेकर सोमवार को पूरा आंध्र प्रदेश बंद है। इस बंद का प्रदेश प्रत्येका हुदा साधन समिति ने आह्वान किया है जिसको वाईएसआर कांग्रेस, कांग्रेस और वाम दलों ने समर्थन दिया। वहीं सत्ताधारी तेलगु देशम पार्टी ने इसका विरोध किया है। राज्य के अलग-अलग हिेस्सों में लोग सड़कों पर उतर आए हैं। कई क्षेत्रों में हिंसा की भी खबरें सामने आई हैं। तिरुपति में प्रदर्शनकारियों ने बाइक में आग लगा दी।
वहीं मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि वह इस बंद का समर्थन नहीं करते क्योंकि इसका असर विकास पर पड़ता है। वाईएसआर ने उनके इस बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि सीएम दोहरा मानदण्ड अपना रहे हैं। कमेटी के सदस्य अंबाती रामबाबू ने कहा कि जब नायडू विपक्षी नेता थे तो उन्होंने कई मौको पर बंद बुलाया था लेकिन अब यह कहते हुए विरोध कर रहे हैं कि इससे विकास बाधित होता है। सीएम को यह समझना चाहिए कि बंद लोकतांत्रिक विरोध का एक जरिया है और उनके पास इसका विरोध करने का कोई अधिकार नहीं है।
बता दें कि नायडू केंद्र सरकार द्वारा आंध्रप्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने से मना करने के विराध में 20 अप्रैल को एक दिन का उपवास रखेंगे। लोकसभा में बजट सत्र के अंतिम दिन वाईएसआर कांग्रस के सभी पांच सांसदों ने अपने इस्तीफे अध्यक्ष सुमित्रा महाजन को सौंप दिए थे। उन्होंने यह कदम आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा नहीं देने के विरोध में उठाया है।