Edited By Yaspal,Updated: 21 Jan, 2019 06:25 PM
सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा, “लोकपाल होता तो राफेल में भ्रष्टाचार नहीं होता। बता दें कि अन्ना हजारे भ्रष्टाचार रोधी कानून को लागू करने और किसानों से जुड़ी मांगों को लेकर...
नेशनल डेस्कः सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा, “लोकपाल होता तो राफेल में भ्रष्टाचार नहीं होता। बता दें कि अन्ना हजारे भ्रष्टाचार रोधी कानून को लागू करने और किसानों से जुड़ी मांगों को लेकर 30 जनवरी को अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल की घोषणा की।
हजारे ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद लोकपाल एवं लोकायुक्त अधिनियम 2013 को लागू नहीं करने पर केंद्र की निंदा की। उन्होंने कहा कि उन्हें लगता है कि देश पर “तानाशाही” की तरफ जाने का खतरा “खतरा” मंडरा रहा है। बीते आठ साल में लोकपाल की मांग को लेकर हजारे की यह तीसरी भूख हड़ताल होगी। वह सिविल सोसायटी सदस्यों तथा समूहों का नेतृत्व करते हुए अप्रैल 2011 में पहली बार यहां रामलीला मैदान में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे थे।
लोकपाल होता तो न होता भ्रष्टाचार
समाजसेवी हजारे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “अगर लोकपाल होता तो राफेल जैसा घोटाला नहीं हुआ होता। मेरा पास राफेल से जुड़े कई कागजात हैं और मैं दो दिन इनका अध्ययन करने के बाद दूसरा संवाददाता सम्मेलन आयोजित करूंगा। मुझे एक बात समझ नहीं आती कि समझौते से एक महीने पहले बनी एक कंपनी को इसमें सहयोगी कैसे बनाया गया।“ वह 30 जनवरी को अपने गांव रालेगण सिद्धि में भूख हड़ताल करेंगे और वह सरकार द्वारा मांगें पूरी होने तक इसे जारी रखेंगे।
किसानों की मांग का उठाएंगे मुद्दा
समाजसेवी अन्ना ने कहा, अतीत में सरकार लिखित में कह चुकी है कि वह लोकपाल कानून पारित करेगी और किसानों को पेंशन तथा डेढ़ गुना अधिक न्यूनतम समर्थन मूल्य उपलब्ध कराएगी। लेकिन कुछ नहीं हुआ। अब मैं और झूठे आश्वासनों पर भरोसा नहीं करूंगा और जीवन रहने तक भूख हड़ताल जारी रखूंगा। पिछले साल मार्च में हजारे और उनके समर्थकों ने लोकपाल कानून लागू करने की मांग को लेकर रामलीला मैदान में एक सप्ताह भूख हड़ताल की थी।
हजारे ने कहा कि किसी संवैधानिक संस्था का आदेश लागू नहीं करना देश को लोकतंत्र से तानाशाही की तरफ ले जाता है। यह सरकार भी ऐसा ही कर रही है। यह कैसी सरकार है, जो सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन नहीं करती। यह सरकार है या कोई बनिया की दुकान। उन्होंने अपने समर्थकों से रालेगण सिद्धि के बजाय अपने-अपने स्थानों पर भूख हड़ताल करने को कहा। राष्ट्रीय किसान महापंचायत ने अन्ना हजारे को समर्थन दिया है और उसका कहना है कि देशभर के किसान संगठन भूख हड़ताल में शामिल होंगे।