Edited By Punjab Kesari,Updated: 28 Mar, 2018 08:59 PM
रामलीला मैदान में लोकपाल, किसानों की मांग, चुनाव प्रक्रिया में सुधार को लेकर आंदोलन कर रहे अन्ना हजारे की तबियत बिगड़ गई है। जिसके बाद डॉक्टरों ने उन्हें आराम करने की सलाह दी है। वह पिछले छह दिनों से बिना कुछ खाए प्रदर्शन कर रहे हैं।
नेशनल डेस्कः रामलीला मैदान में लोकपाल, किसानों की मांग, चुनाव प्रक्रिया में सुधार को लेकर आंदोलन कर रहे अन्ना हजारे की तबियत बिगड़ गई है। जिसके बाद डॉक्टरों ने उन्हें आराम करने की सलाह दी है। वह पिछले छह दिनों से बिना कुछ खाए प्रदर्शन कर रहे हैं। इन छह दिनों में उनका साढ़े पांच किलो वजन भी कम हो गया है। इसी वजह से वह बुधवार शाम को आंदोलन में आए लोगों को संबोधित नहीं कर पाए। तबियत बिगड़ने के बाद अन्ना हजारे से मिलने के लिए केंद्र सरकार के किसी प्रतिनिधि ने उनसे मुलाकात नहीं की है।
सरकार ने गुमराह करने की कोशिश की
अन्ना ने बुधवार सुबह आंदोलन समर्थित लोगों और मीडिया को सरकार द्वारा भेजे गए पत्र की मांगों के संबंध में दिए गए बयानों पर बोला। उन्होंने कहा कि सरकार ने हमें ड्राफ्ट भेजकर गुमराह करने की कोशिश की है। इसमें सरकार ने किसानों को उनके खर्च पर डेढ़ गुना अधिक राशि देने की शर्त मानी है। लकिन ड्राफ्ट में यह नहीं बताया गया कि राशि किस तरीके से किसानों को दी जाएगी।
सरकार किसानों की भरपाई सुनिश्चित करे
ड्राफ्ट में फसल का बिक्री मूल्य निर्धारित किए जाने की बात करते हुए अन्ना ने कहा कि किसान को कृषि के निर्धारित मूल्य से कम दाम मिलता है तो सरकार उसकी भरपाई सुनिश्चित करे। अन्ना ने कहा कि सरकार के मसौदे में कृषि मूल्य आयोग को संवैधानिक दर्जा देने के बारे में भी कोई स्पष्ट बात नहीं कही गई है।