Edited By Yaspal,Updated: 05 Jul, 2018 07:40 PM
समाजसेवी अन्ना हजारे ने गुरुवार को एक बार फिर मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने सरकार को ‘अधूरे वादों’ की याद दिलाई और चेतावनी दी कि अगर सरकार ने इस पर 2 अक्तूबर तक अमल नहीं किया तो वह एक नया प्रदर्शन शुरू करेंगे।
नेशनल डेस्कः समाजसेवी अन्ना हजारे ने गुरुवार को एक बार फिर मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने सरकार को ‘अधूरे वादों’ की याद दिलाई और चेतावनी दी कि अगर सरकार ने इस पर 2 अक्तूबर तक अमल नहीं किया तो वह एक नया प्रदर्शन शुरू करेंगे। हजारे ने पिछले चार वर्षों में कई बार मोदी सरकार को पत्र लिखा, लेकिन अबतक कोई जवाब नहीं मिला। अन्ना ने मार्च में भूख हड़ताल की, एक हफ्ते बाद प्रधानमंत्री कार्यालय के राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह को केंद्र द्वारा किए गए सात अपूर्ण या आंशिक रूप से किए गए वादों की सूची दी थी।
अन्ना ने यह स्वीकार करते हुए आंदोलन खत्म किया कि सरकार ने कृषि उपज के लिए न्यूनतम सर्मथन मूल्य (एमएसपी) के मुख्य मुद्दे को मान लिया गया है, उन्होंने कहा कि केंद्रीय कृषि विभाग के हस्तक्षेप के कारण कृषि मूल्य आयोग द्वारा भेजे गए प्रस्ताव में बहुत ज्यादा कटौती की गई है।
कृषि मूल्य आयोग की स्वायतत्ता के वादे को लागू की मांग करते हुए हजारे ने कहा कि यह सुनिश्चित करेगा कि किसानों को फसल के वास्तविक लागत के आधार पर एमएसपी मिले। अन्ना ने कहा, सरकार ने वादा किया था कि 60 वर्ष से अधिक उम्र वाले किसानों को 5 हजार रुपये प्रतिमाह पेंशन दी जाएगी, जिसके लिए एक समिति बनाई जानी थी और इसके प्रस्तावों का पालन किया जाना था।
वही अन्ना हजारे ने लोकायुक्त और लोकपाल की नियुक्ति पर कहा, सर्वोच्च न्यायालय ने भी सरकार को लोकायुक्त और लोकपाल पर फटकार लगाई है। अदालत ने एक बार फिर सरकार को 10 दिनों के अंदर शपथपत्र दाखिल करने के लिए कहा है। अगर सरकार इन निर्देशों का पालन नहीं करेगी तो यह सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना होगी। हजारे ने कहा, उपवास तोड़ने के बाद, मैंने दो बार सरकार को इन सभी मुद्दों से अवगत कराया है। यह तीसरी बार है। अगर 2 अक्टूबर तक इन्हें लागू नहीं किया तो मैं अपने गांव में प्रदर्शन शुरू करने को बाध्य हो जाऊंगा।