Edited By Hitesh,Updated: 05 May, 2021 08:06 PM
दिल्ली उच्च न्यायालय ने व्हाट्सएप की नयी गोपनीयता नीति के खिलाफ दायर एक जनहित याचिका पर बुधवार को केंद्र सरकार और सोशल मीडिया मंचों - फेसबुक एवं व्हाट्सऐप से जवाब मांगा। याचिका में व्हाट्सऐप पर उपयोगकर्ताओं पर ‘सूचनागत निजता'' के उल्लंघन का आरोप...
नेशनल डेस्क: दिल्ली उच्च न्यायालय ने व्हाट्सएप की नयी गोपनीयता नीति के खिलाफ दायर एक जनहित याचिका पर बुधवार को केंद्र सरकार और सोशल मीडिया मंचों - फेसबुक एवं व्हाट्सऐप से जवाब मांगा। याचिका में व्हाट्सएप पर उपयोगकर्ताओं पर ‘सूचनागत निजता' के उल्लंघन का आरोप लगाया गया है। मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने केंद्र, फेसबुक और व्हाट्सएप को नोटिस जारी कर 13 मई तक याचिका पर अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया है।
व्हाट्सएप ने पीठ को बताया कि व्यक्तियों की निजी बातचीत एंड टू एंड एनक्रिप्शन से सुरक्षित रहती है। याचिकाकर्ता हर्षा गुप्ता ने अदालत से कुछ अंतरिम आदेश देने की आग्रह किया क्योंकि व्हाट्सएप 15 मई से अपनी नीति को प्रभावी बनाएगा। इसे देखते हुए अदालत ने मामले को सुनवाई के लिए 13 मई को सूचीबद्ध कर दिया। गुप्ता के वकील विवेक सूद ने अदालत से कहा कि व्हाट्सएप की नयी निजता नीति के तहत उसे उपयोगकर्ताओं से मिलने वाली सूचनाओं को जिस ढंग से इस्तेमाल का प्रस्ताव रखा गया है, वह ‘सूचनागत निजता' का उल्लंघन है। सूद ने कहा कि उपयोगकर्ताओं को आंकड़ों के संग्रहण और निर्धारित से भिन्न उद्देश्यों के लिए उसके इस्तेमाल करने पर रोक संबंधी विकल्प नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने अदालत में कहा, ‘‘ व्हाट्सऐप ने उपयेागकर्ताओ को ‘इस नीति को स्वीकार करो या यह मंच छोड़ दो' की पेशकश की जो उपयोगकर्ताओं को व्हाट्सऐप की सेवाओं का इस्तेमाल करने के लिए अपने आंकड़ों का तीसरे पक्ष की कंपनियों के साथ साझा करने के वास्ते अनुमति देने के लिए बाध्य करती है।'' व्हाट्सएप की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि इस मंच ने किसी भी कानून या नियम का उल्लंघन नहीं किया है।