बाल विवाह रोकथाम कानून पर अर्जी, न्यायालय ने केंद्र से मांगा जवाब

Edited By Pardeep,Updated: 13 Apr, 2018 09:56 PM

appeals on child marriage prevention law court asks center to respond

उच्चतम न्यायालय ने बाल विवाह रोकथाम अधिनियम, 2006 के प्रवाधानों को देश में प्रभावी ढंग से लागू नहीं किए जाने का दावा करने वाली एक याचिका पर शुक्रवार को केंद्र से जवाब मांगा। न्यायमूर्ति बी लोकुर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने कहा,‘‘ इस रिट...

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने बाल विवाह रोकथाम अधिनियम, 2006 के प्रवाधानों को देश में प्रभावी ढंग से लागू नहीं किए जाने का दावा करने वाली एक याचिका पर शुक्रवार को केंद्र से जवाब मांगा। 

न्यायमूर्ति बी लोकुर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने कहा,‘‘ इस रिट याचिका में उठाया गया मुद्दा बाल विवाह रोकथाम अधिनियम , 2006 के क्रियान्वयन के संबंध में है। याचिकाकर्ताओं की दलीलें यह है कि यह अधिनियम सही मायने में लागू नहीं किया जा रहा है। केंद्र को नोटिस जारी किया जाए और चार हफ्ते में उसका जवाब मांगा जाए।’’ 

सोसायटी फोर इनलाइटेंनमेंट एवं वोलंटरी एक्शन और अन्य ने रिट याचिका दायर कर दावा किया है कि केंद्र और राज्यों द्वारा इस कानून के प्रावधानों को प्रभावी तरीके से लागू नहीं करने से देश में बड़े पैमाने पर बाल विवाह प्रचलन में है। वर्ष 2011 की जनगणना रिपोर्ट खुलासा करती है कि बाल विवाह अब भी काफी है तथा ब्याही गयी हर तीन लड़कियों में से करीब करीब एक 18 साल से कम उम्र की है।      

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