Edited By Pardeep,Updated: 09 Apr, 2019 10:14 PM
वाइस एडमिरल बिमल वर्मा ने अगले नौसेना प्रमुख के तौर पर वाइस एडमिरल करमबीर सिंह की नियुक्ति को चुनौती देने वाली अपनी याचिका एक सैन्य न्यायाधिकरण की सलाह के बाद वापस ले ली है। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। अंडमान निकोबार कमान के कमांडर-इन-चीफ...
नई दिल्ली: वाइस एडमिरल बिमल वर्मा ने अगले नौसेना प्रमुख के तौर पर वाइस एडमिरल करमबीर सिंह की नियुक्ति को चुनौती देने वाली अपनी याचिका एक सैन्य न्यायाधिकरण की सलाह के बाद वापस ले ली है। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। अंडमान निकोबार कमान के कमांडर-इन-चीफ वर्मा अब अगले नौसेना प्रमुख के तौर पर सिंह की नियुक्ति के खिलाफ रक्षा मंत्रालय जा सकते हैं।
उन्होंने सोमवार को सशस्त्र बल न्यायाधिकरण (एएफटी) का दरवाजा खटखटाया था और पूछा था कि सबसे वरिष्ठ होने के बाद भी अगले नौसेना प्रमुख के लिए उनके नाम पर विचार क्यों नहीं किया गया। सूत्रों के अनुसार एएफटी ने वर्मा के इस रुख पर कड़ा ऐतराज जताया कि वह रक्षा मंत्रालय का दरवाजा खटखटाने या नौसेना अधिनियम में निर्धारित अन्य विकल्पों पर इस्तेमाल करने से पहले उसके पास क्यों आए। सूत्रों ने बताया कि एएफटी ने वर्मा से कहा कि उन्हें पहले अपनी शिकायतों का निवारण आंतरिक उपायों से कर लेना चाहिए जिसके बाद उन्होंने अपनी याचिका वापस ले ली।
एएफटी ने कहा कि अगर वह आंतरिक उपायों से संतुष्ट नहीं होते तो फिर न्यायाधिकरण में आ सकते हैं। वर्मा के वकीलों ने न्यायाधिकरण से कहा कि वह सीधे इसलिए आये क्योंकि उन्होंने सोचा कि रक्षा मंत्रालय या रक्षा मंत्री फैसले पर पुर्निवचार नहीं कर सकेंगे। वर्मा ने सोमवार को यहां एएफटी में अपनी याचिका में जानना चाहा था कि सरकार ने उनकी वरिष्ठता की अनदेखी क्यों की और वाइस एडमिरल करमबीर सिंह को अगला नौसेना प्रमुख क्यों नियुक्त किया है।
सरकार ने पिछले महीने सिंह को अगला नौसेना प्रमुख बनाया था। वह एडमिरल सुनील लांबा की जगह लेंगे जो 30 मई को सेवानिवृत्त होंगे। सरकार के अनुसार उसने मेरिट के आधार पर चयन किया है और सबसे वरिष्ठ अधिकारी को पद पर नियुक्त करने की परंपरा का अनुसरण नहीं किया है। वैसे वर्मा इस मामले में सिंह से वरिष्ठ हैं और वह शीर्ष पद की दौड़ में थे।