राज्यसभा का अंकगणित मोदी सरकार के पक्ष में, बहुमत के करीब NDA

Edited By Yaspal,Updated: 02 Jul, 2019 05:31 AM

arithmetic of the rajya sabha in favor of modi government nda close to majority

राज्यसभा में मोदी सरकार को विधेयकों को पास कराने में ज्यादा दिक्कत नहीं होगी क्योंकि एनडीए के पास बहुमत के करीब नंबर पहुंच चुके हैं। हाल ही में तेलगू देशम पार्टी (TDP) के 4 सांसदों और इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) के 1 सांसद के भारतीय जनता पार्टी (BJP)...

नेशनल डेस्कः राज्यसभा में मोदी सरकार को विधेयकों को पास कराने में ज्यादा दिक्कत नहीं होगी क्योंकि एनडीए के पास बहुमत के करीब नंबर पहुंच चुके हैं। हाल ही में तेलगू देशम पार्टी (TDP) के 4 सांसदों और इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) के 1 सांसद के भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल होने के बाद एनडीए का दबदबा बढ़ गया है। इन 5 सांसदों को मिलाकर वर्तमान में बीजेपी के पास राज्यसभा में 76 सांसद हो गए हैं।

इस हफ्ते गुजरात और उड़ीसा की राज्यसभा सीटों पर भी चुनाव प्रस्तावित हैं। गुजरात में अमित शाह और स्मृति ईरानी के लोकसभा चुनाव में जीतने के बाद राज्यसभा से इस्तीफा देने के बाद दोनों राज्यसभा सीटों पर बीजेपी की जीत सुनिश्चित है। इसके साथ ही ओडिशा से एक राज्यसभा सीट पर बीजेपी को जीत मिलनी तय है। संसद के इसी सत्र में राज्यसभा में उपचुनाव के बाद बीजेपी के सांसदों की संख्या 76 से बढ़कर 79 पहुंच जाएगी।
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राज्यसभा में मोदी सरकार को सुभाष चंद्रा, अमर सिंह, परिमल नाथवानी और संजय काकड़े इन चार निर्दलीय सांसदों का भी समर्थन हासिल है। वहीं, नरेंद्र जाधव, स्वप्न दास गुप्ता और मैरी कॉम तीन मनोनीत राज्यसभा सांसद भी एनडीए के साथ हैं।

राज्यसभा में एनडीए दलों की संख्या
बीजेपी-  76
एआईएडीएमके- 13
जेडीयू-  6
शिवसेना-  3
अकाली दल- 3
सिक्किम डेमक्रिटक फ्रंट -1
एजेपी- 1
बोडो पीपल फ्रंट -1
आरपीआई-1
निर्दलीय- 4
एलजेपी -1

NDA को बहुमत के लिए 7 और सांसदों की जरूरत
राज्यसभा में सदस्यों की कुल संख्या 250 निर्धारित है, जिनमें से 12 सदस्य राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत होते हैं। बहुमत के लिए एनडीए के पास 123 सांसद होने चाहिए, जिसे पूरे करने के लिए 7 और सांसदों की जरूरत है। बीजेपी के रणनीतिकारों का मानना है कि बीजेडी के 5, वाईएसआरसी के 2, नागा पीपल फ्रंट के 1, टीआरएस के 6 सांसदों का समर्थन बीजेपी को अलग-अलग बिलों और अलग-अलग मुद्दों पर मिलता रहेगा।
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दूसरी तरफ राज्यसभा में यूपीए में कांग्रेस के 48, आरजेडी 5, एनसीपी 4, केरल कांग्रेस 1, जेडीएस 1, lUML 1, मनोनीत सांसद केटीएस तुलसी को मिलाकर कुल 61 सांसद हैं। राज्यसभा में एनडीए के विरोध में और समय-समय पर मुद्दों पर यूपीए के समर्थन करने वाले दल टीएमसी 13, समाजवादी पार्टी 13, सीपीएम 5, बीएसपी 4, डीएमके 3, आम आदमी पार्टी 3, टीडीपी 2, पीडीपी 2, विरेंद्र कुमार और रीताब्रता बनर्जी निर्दलीय 2 सांसद हैं, जिनकी संख्या कुल 47 है।
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2020 के अंत में होगा राज्यसभा में बहुमत
लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद कई राजनीतिक पंडितों का मानना था कि लोकसभा में एनडीए को भले ही 2019 के आम चुनाव में 2014 की तुलना में बड़ा बहुमत मिला है, लेकिन पीएम मोदी के नेतृत्व में एनडीए को राज्यसभा में 2022 तक बहुमत मिल पाएगा, लेकिन जिस तरह से 17वीं लोकसभा के पहले संसद सत्र की शुरुआत में ही टीडीपी और आईएनएलडी के पांच राज्यसभा सांसदों को बीजेपी में शामिल कराकर सदन में अपनी संख्या 71 से 76 कर ली है. इससे साफ है कि एनडीए को राज्यसभा में 2020 में ही बहुमत से ज्यादा सीटें हो जाएंगी। 2020 में राज्यसभा में बहुमत मिलने के बाद मोदी सरकार बीजेपी के धारा 370, आर्टिकल 35 A और राम मंदिर जैसे मुद्दों को लेकर संसद में आगे भी बढ़ती नजर आएगी

 

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