साइकिल से संसद आना, टेलीफोन ऑपरेटर की नौकरी और फिर IAS बनना...आसान नहीं था नए कानून मंत्री 'अर्जुन राम मेघवाल' का सफर

Edited By Anu Malhotra,Updated: 18 May, 2023 02:21 PM

arjun ram meghwal profile

मोदी कैबिनेट में आज बड़ा बदलाव हुआ। केंद्र सरकार में कानून मंत्री किरेन रिजिजू का विभाग बदलकर उन्हें पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय सौंपा गया है जबकि संस्कृति एवं संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल को कानून मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार दिया गया है।...

नेशनल डेस्क:  केंद्र सरकार के मंत्रिमंडल में हाल ही में बड़ा बदलाव हुआ है, जिसके तहत किरेन रिजिजू को केंद्रीय कानून मंत्रालय  से हटाकर अर्जुन राम मेघवाल को मंत्रालय का कार्यभार सौंपा गया है । वहीं किरेन रिजिजू को पृथ्वी विज्ञान मंत्री के पद पर नियुक्त किया है । तो चलिए जानते हैं कि कौन हैं अर्जुन राम मेघवाल जिनके हाथों में  केंद्रीय कानून मंत्रालय  की डोर सौंपी गई है।


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मेघवाल की 13 वर्ष में ही शादी हो गई थी
बता दें कि मेघवाल की जीवन यात्रा लोगों के लिए एक प्ररेणादायक स्त्रोत है। वह ऐसे नेता हैं जिन्हें सादगी से अति प्रेम है। अपनी सांस्कृति का प्रतीक पगड़ी को वो हमेशा अपने सिर पर ताज की तरह सजाकर रखते हैं। मेघवाल का बचपन काफी कठिनाइयों से भरा था। उनका जन्म राजस्थान के छोटे से गांव के बुनकर परिवार में हुआ था। शुरू से ही वो अपनी पढ़ाई के साथ बुनकरी के कामों में पिता के साथ अपना हाथ भी बंटाते थे। 

दरअसल मेघवाल की  छोटी आयु 13वर्ष में ही शादी हो गई थी। लेकिन शादी के बाद भी मेघवाल ने पढ़ाई का दामन नहीं छोड़ा। काम में व्यस्त होने के बावजूद भी वह पढ़ाई के लिए समय निकाल ही लेते थे। उन्होंने अपनी स्नातक की डिग्री बीकानेर के स्थानीय डूंगर कॉलेज से हासिल की। इतना ही नहीं उन्होंने एलएलबी और मास्टरर्स की डिग्री भी हासिल कर रखी है। 

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राजनीतिक करियर की शुरुआत
हमेशा से ही मेघवाल जनहित के लिए काम करना चाहते थे। कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के बाद वह सरकारी नौकरी की प्रतियोगी परिक्षाओं के लिए प्रयासों में जुट गए। आखिरकार कई परिक्षाएं देने के बाद उन्हें भारतीय डाक विभाग में टेलीफोन ऑपरेटर की नौकरी प्राप्त हो गई । इसके उपरांत टेलीफोन ट्रैफिक एसोसिएशन के चुनावों में खड़े होने के बाद उनके  राजनीतिक करियर की शुरुआत हुई। 

IAS  अधिकारी भी रहे
बताते चलें कि अर्जुन राम मेघवाल पहले IAS  अधिकारी भी रहे  हैं और चूरू जिले में बतौर कलेक्टर की भूमिका निभा चुके हैं  । उन्होंने 1982 में राजस्थान में प्रशासनिक अधिकारी का पद्भार संभाला था। इसके साथ वह  पूर्व उपमुख्यमंत्री हरिश्चन्द्र भाभा के ओएसडी  भी रह चुके हैं। 
  
सादगी को महत्व देने के कारण ही मेघवाल को पीएम मोदी की पसंद बताया जा रहा है। सादगी पसंद मेघवाल एक बार सरकारी कार होने के बावजूद शपथ ग्रहण कार्यक्रम में राष्ट्रपति भवन भी साइकिल पर पहुंचे।  रॉबर्ट वाड्रा के अवैध भूमि सौदे के मामले को भी मेघवाल ने सबके सामने उजागर किया था।

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